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BH-Series: भारत सीरीज नंबरप्लेट को लेकर आया बड़ा फैसला, जानें कैसे है आम आदमी के फायदे से जुड़ा

Bharat Series कारों में दिये जाने वाला भारत सीरीज नंबरप्लेट गाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी रखने पर बिना किसी बदलाव और अतिरिक्त टैक्स के गाड़ी रखने की अनुमति देता है। इसे पिछेल साल लाया गया था और अब इससे जुड़े नए नियम आए हैं।

By Sonali SinghEdited By: Updated: Wed, 05 Oct 2022 03:26 PM (IST)
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Bharat Series for Vehicle Registration new rules in India
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Bharat Series: पूरे भारत में निजी वाहनों को बिना किसी रोक-टोक के एक राज्य से दूसरे राज्य तक आवाजाही करने के लिए, 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नई भारत सीरीज़ (BH-Series) को शुरू कर दिया गया है। 41वीं परिवहन विकास परिषद (TDC) की वार्षिक बैठक में इसका निर्णय लिया गया है। बता दें कि BH-सीरीज टैग वाले नंबरप्लेट के साथ आने वाली गाड़ियों के मालिकों को एक से दूसरे राज्य में शिफ्ट होने पर गाड़ी के रजिस्ट्रेशन को ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होती है।

तेजी से दी जा रही गाड़ियों को परमिट

बैठक में कहा गया है, "नीति की स्थापना के बाद से, 24 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 20,000 से अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।" इसके अलावा, विभिन्न चौकियों पर बिना रुके देश भर में पर्यटकों की आवाजाही और स्थानीय / राज्य के नियमों के अनुसार करों के भुगतान को प्रदर्शित किया गया। इसके तहत सड़क मंत्रालय द्वारा 30,000 से अधिक परमिट पास की गई है और अब तक 2,75,000 ऑथराइजेशन दिए जा चुके हैं।

क्या होता BH-सीरीज नंबर?

भारत सीरीज (BH-Series) आपकी गाड़ी पर लगने वाला टैग है। BH-सीरीज रजिस्ट्रेशन मार्क YY BH #### XX के फॉर्मेट में होता है, जिसमें पहले दो नंबर (YY) रजिस्ट्रेशन के साल के लिए लिखा जाता है। है, इसके बाद BH भारत सीरीज के लिए कोड है (####), जो चार अंकों की संख्या होती है। अंत के दो अक्षर (XX)दो अक्षर होते हैं। इस तरह गाड़ियों में लगे इस नंबर प्लेट से BH-सीरीज वाले वाहनों की पहचाना जा सकता है।

इस तरह कर सकते हैं भारत सीरीज के लिए अप्लाई

भारत सीरीज (BH-सीरीज) के रजिस्ट्रेशन मार्क को लेने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन ऑफिस जाकर अप्लाई करना होगा। साथ ही जिस राज्य में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ है उस राज्य के रजिस्ट्रेशन ऑफिस से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना पड़ता है। इसके बाद प्रो-राटा आधार पर रोड टैक्स जमा करना होता है, जिसके बाद एक नया रजिस्ट्रेशन मार्क आपको सौंपा जाएगा।

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