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गाड़ियों में काफी काम का है Blind Spot Monitoring सेफ्टी फीचर, जानें कैसे करती है काम

इसके अलावा ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग फीचर ड्राइवर को रियल टाइम रियर साइड में देखने की अनुमति देता है जिससे ड्राइवर जब भी चाहे अपने रॉयल के साइड होने वाली गतिविधियों पर अपने ड्राइविंग सीट से ही नजर रख सकता है। इस फीचर की वजह से अब तक कई बड़े हादसों को रोका जा चुका है।

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Sun, 15 Oct 2023 10:44 AM (IST)
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किसे कहते हैं ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग फीचर?
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। इस समय इंडियन मार्केट में एडास फीचर्स से लैस गाड़ियां आने लगी हैं, जिसमें कई ऐसे एडवांस फीचर्स मिलते हैं, जो सेफ्टी के लिहाज से सबसे अधिक कारगर साबित होते हैं। इन्हीं फीचर्स में से एक फीचर है ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग फीचर। आइये जानते हैं कितना काम का है ये फीचर।

किसे कहते हैं ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग फीचर?

ये फीचर गाड़ियों में सेफ्टी को और भी अधिक बढ़ाने के लिए दिया जाता है। Blind Spot Monitoring (BSM) ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग यह फीचर दूसरी गाड़ियों को देखते हुए ड्राइवर को आगाह करता है, कि इस समय आप सही लेन में कार चला रहे हैं कि नहीं और लेन बदलना ठीक है कि नहीं। इसके अलावा ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग फीचर ड्राइवर को रियल टाइम रियर साइड में देखने की अनुमति देता है, जिससे ड्राइवर जब भी चाहे अपने रॉयल के साइड होने वाली गतिविधियों पर अपने ड्राइविंग सीट से ही नजर रख सकता है। इस फीचर की वजह से अब तक कई बड़े हादसों को रोका जा चुका है।

कैसे करता है काम?

अभी तक आपको बताया गया है कि ये फीचर किसे कहते हैं और इससे फायदे क्या होते हैं। अब आपको बताने जा रहे हैं कि ये फीचर कैसे काम करता है। प्रीमियम गाड़ियों में ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग सिस्टम देखने को मिलता है, इसमें सिस्टम सेंसर बेस्ड सिस्टम होता है जो पीछे से आ रही गाड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखता है जैसे कोई गाड़ी पीछे के साइड से या फिर बगल से वाहन के करीब आती है तो इस मॉनिटरिंग फीचर के माध्यम से रियर व्यू मिरर में रेड कलर की लाइट जलने लगती है जिससे ड्राइवर को एलर्ट होने में मदद मिलती है।