वाहनों में क्यों दिया जाता है ट्रैक्शन कंट्रोल? जानिये कैसे करता है काम
Car Buyer Guide कंप्टीशन के इस दौर में आज प्रीमियम हो या मिड रेंज कार हो सभी में शानदार फीचर्स देखने को मिलते हैं। ऐसा ही एक काम का फीचर होता है ट्रैक्शन कंट्रोल जो अब अधिकतर कारों में देखा जा सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
By Rishabh ParmarEdited By: Updated: Sun, 11 Jul 2021 10:10 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। आजकल के आधुनिक दौर में वाहनों में भी नये तरीके की टेक्नोलॉजी देखने को मिलती हैं। पहले जो फीचर्स सिर्फ प्रीमियम गाड़ियों में आते थे अब वो सारे फीचर्स अधिकतर गाड़ियों में देखने को मिल रहे हैं। जब आप एक नई कार खरीदने के लिए जाते हैं, तो आपको मार्केट में तमाम फीचर्स देखने को मिल जाते हैं। जिनमें हिल असिस्ट, क्रूज़ कंट्रोल, और ट्रैक्शन कंट्रोल और भी कई फीचर्स का नाम आता है। इस लेख के जरिये हम आपको बताएंगे ट्रैक्शन कंट्रोल के बारे में ये क्या होता है और कार या बाइक में ये कैसे काम करता है।
ट्रैक्शन कंट्रोल: ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। लेकिन कॉमन नाम इसका यही है। यह एक ऐसा फीचर है जो आपकी कार के व्हील्स को कंट्रोल खोने से बचाता है, जिससे गाड़ी अनियंत्रित न हो सके। दरअसल, जब आप अपनी कार या बाइक को एक WET Surface यानी गीली सतह पर चलाते हैं, तो अक्सर कार के 4 टायर्स में से 2 टायर्स स्लिप करते हैं या ज्यादा तेज़ी के साथ घूमने लगते हैं। इसलिए आपको हमेशा कार में इसे ऑन रखना चाहिये। ताकि आप किसी भी अनहोनी घटना से बच सकें। इसके अलावा जिन गाड़ियों का पिकअप अधिक होता है जिनमें अधिक पावर होती है और टॉर्क भी ज्यादा जनरेट करती हैं उनमें ट्रैक्शन कंट्रोल को कार चलाने से पहले इग्निशियन देने के वक्त ऑन करना चाहिए।
कैसे काम करता है ट्रैक्शन कंट्रोल: ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम एक्टिवेट होने पर गीली सतह में या सेंड में आपकी कार के टायर्स अच्छा परफॉर्म करते हैं। आपने देखा होगा कि गीली सतह पर जब किसी कार के दोपहिये आ जाएं या सैंड में फंस जाएं तो उस कार की पावर के हिसाब से अगले या पिछले पहिये ज्यादा फोर्स लगाते हैं और तेजी से घूमने लगते हैं। लेकिन ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम अगर कार में होता है तो फिर यह समस्या नहीं आती और टायर्स की इंफोर्मेंशन से जुड़ी सेंट्रल यूनिट को यह संदेश पहुंच जाता है कि कार के टायर्स का बैलेंस बिगड़ रहा है जिसके बाद इंटर्नल मैकेनिज्म के जरिये ही अचानक बिगड़ने वाले व्हील बैलेंस, से बचा जा सकता है और साथ ही इमरजेंसी ब्रेक्स के वक्त भी यह गाड़ी का कंट्रोल खोने से बचाने में सहायक होता है।
मोटरसाकिल में ट्रैक्शन कंट्रोल: इन दिनों कई सुपर एडवेंचर बाइक्स हैं, जिनमें भी ट्रैक्शन कंट्रोल देखने को मिलता है। इसकी मदद से बाइक हो या कार वह सतह पर अपनी अच्छी तरह पकड़ बना कर रखती है। जिस वजह से इमरजेंसी ब्रेक या वेट सरफेस और सैंड जैसी जगहों पर बाइक या कार के फिसलने के चांस काफी कम हो जाता है। हालांकि वाहन में इसके साथ में ईएसपी Electronic stability control और एबीसए Anti-lock braking system जैसे फीचर्स हों तो भी आपके वाहन में इस तरह की दुर्घटना होने की स्थिति कम रहेगी।