खुशखबरी! BS-VI गाड़ियों में CNG और LPG इंजन रेट्रोफिटिंग करवा सकते हैं वाहन मालिक, सरकार ने दी मंजूरी
Aftermarket CNG Fitment in BS-6 केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक एक बार अप्रूवल मिलने के बाद वाहन इसे 3 साल तक उपयोग कर सकते हैं उसके बाद हर 3 साल में एक बार रिन्यू किया जाएगा।
By Atul YadavEdited By: Updated: Tue, 01 Feb 2022 10:05 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। वाहन मालिकों के लिए खुशबरी है। केंद्र सरकार ने शनिवार को एक अधिसूचना जारी की, जो भारत स्टेज (बीएस-VI) वाहनों के इंजन में अब बदलाव कर उसमें अब सीएनजी या एलपीजी किट की रेट्रोफिटिंग करने की इजाजत देता है। सरकार द्वारा बयान के अनुसार केवल उन्हीं गाड़ियों के डीजल इंजन को बदल कर सीएनजी या एलपीजी इंजन में किया जाएगा, जिनकी वजह 3.5 टन से कम हो।
इस विषय पर अधिकारियों का कहना है कि यह मांग कुछ समय से महसूस की जा रही थी, क्योंकि मौजूदा समय में देश भर में केवल BS-VI उत्सर्जन मानदंडों का पालन करने वाले वाहन ही बेचे जा रहे हैं। अभी तक जो वाहन BS-IV तक के उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करते हैं, केवल उन्हें CNG रेट्रोफिटमेंट की अनुमति है।
मंत्रालय का बयान
अधिसूचना में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा कि रेट्रो फिटमेंट की मंजूरी समय की मांग है। सीएनजी गाड़ियां पर्यावरण के अनुकूल ईंधन है और डीजल- पेट्रोल इंजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, पार्टिकुलेट मैटर और धुएं के उत्सर्जन स्तर को कम करने में सक्षम है। मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक एक बार अप्रूवल मिलने के बाद वाहन इसे 3 साल तक उपयोग कर सकते हैं, उसके बाद हर 3 साल में एक बार रिन्यू किया जाएगा। सीएनजी प्रचालन के लिए रेट्रोफिट वाहनों के लिए अप्रूवल विशेष रूप से निर्मित वाहनों के लिए दिया जाएगा
अधिसूचना के मुताबिक
सरकार द्वारा मंजूर किए गए अधिसूचना के मुताबिक, इस तरह की किट को किसी भी वाहन में सीसी इंजन क्षमता की निर्दिष्ट सीमा के भीतर 1500cc तक के वाहने के लिए ±7% और 1500 सीसी के ऊपर ±5% की क्षमता सीमा के भीतर रेट्रोफिटमेंट के लिए उपयुक्त माना जाएगा। इंजन की पॉवर को समय-समय पर संशोधित एआईएस 137 में निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार इंजन डायनेमोमीटर पर मापा जाएगा। सीएनजी से मापी गई पॉवर -15% ≤ गैसोलीन पर मापी गई पॉवर के संबंध में सीएनजी पर पॉवर ≤+5% की सीमा के भीतर होगी।