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छोटे व मझोले शहरों में बढ़ेगा CNG का दायरा, 2030 तक खुलेंगे 17,500 सीएनजी स्टेशन

अभी देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 7000 के करीब है जिसमें से 80 फीसद महानगरों व बड़ी राजधानियों में है। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक इनकी संख्या 17500 करने का लक्ष्य रखा है। नए खोले जाने वाले स्टेशन ज्यादा गैर-महानगरों में खोले जाएंगे। छोटे व मझोले शहरों में नये सीएनजी स्टेशन सीएनजी वाहनों की बिक्री भी काफी बढ़ा सकती है।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Fri, 15 Nov 2024 09:00 PM (IST)
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सीएनजी स्टेशनों की संख्या अगले चार से पांच वर्षों में तेजी से बढ़ेगी।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। चर्चा तो इलेक्टि्रक वाहनों की हो रही है, लेकिन जमीन पर रंग सीएनजी का बिखर रहा है। अक्टूबर, 2024 में देश में सीएनजी वाहनों की बिक्री में 67 फीसद का इजाफा हुआ है। वर्ष 2023-24 के पहले छह महीनों की बात करें तो सीएनजी बिक्री में वृद्धि 43 फीसद की है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की कुल बिक्री में सीएनजी वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ कर 33 फीसद, दूसरी सबसे बड़ी कंपनी हुंडई मोटर इंडिया में तकरीबन 15 फीसद हो गई है।

सीएनजी पर लोगों का बढ़ा भरोसा

हाल ही में बजाज आटो ने पहली सीएनजी बाइक लांच की है और कुछ ही दिनों में इसके 10 हजार के करीब बुकिंग हो गई है। यह रफ्तार फिलहार थमती नजर नहीं आ रही है। दैनिक जागरण ने सीएनजी वाहनों के भविष्य को लेकर पेट्रोलियम व नेचुरल गैस रेगुलेटर बोर्ड (पीएनजीआरबी) के चेयरमैन डॉ. अनिल कुमार जैन से लेकर मारुति सुजुकी और हुंडई मोटर इंडिया के शीर्ष अधिकारियों से बात की और सभी का मानना है कि सीएनजी वाहन अब देश के दूसरे व तीसरे श्रेणी के शहरों में तेजी से विस्तारित होंगे। जब तक देश में बिजली चालित कारों के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार ना हो जाए तब तक आम ग्राहकों का भरोसा सीएनजी पर बढ़ता ही रहेगा।

छोटे और मझौले शहरों में बढ़ेगी मांग

सरकारी अधिकारी भी बताते हैं कि सीएनजी का असली गेम अब शुरू होगा, क्योंकि सीएनजी स्टेशनों की संख्या अगले चार से पांच वर्षों में तेजी से छोटे और मझौले शहरों में बढ़ने वाली है। अभी देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 7000 के करीब है जिसमें से 80 फीसद महानगरों व बड़ी राजधानियों में है। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक इनकी संख्या 17,500 करने का लक्ष्य रखा है। नए खोले जाने वाले स्टेशन ज्यादा गैर-महानगरों में खोले जाएंगे। छोटे व मझोले शहरों में नये सीएनजी स्टेशन सीएनजी वाहनों की बिक्री भी काफी बढ़ा सकती है। मारुति सुजुकी के एमडी व सीईओ हिसाशी ताकेउची इसके लिए तीन प्रमुख कारण बताते हैं।

सीएनजी के फायदे

  • पहला, सीएनजी पेट्रोल व डीजल से काफी सस्ता है।
  • दूसरा, सीएनजी वाहनों की माइलेज उक्त दोनों से बेहतर है।
  • तीसरा, भारत के बहुत बड़े हिस्से में लोग सीएनजी स्टेशन लगने का इंतजार कर रहे हैं और वह ईंधन आपूर्ति की व्यवस्था होते ही सीएनजी वाहन खरीद करेंगे।

सीएनजी और पीएनजी को स्वीकृति सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ रही है कि यह पारंपरिक ईंधनों के मुकाबले सस्ती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिहाज से भी काफी सही है। देश का ट्रांसपोर्ट सेक्टर इलेक्टि्रक वाहनों की तरफ बढ़ रहा है लेकिन प्राकृतिक गैस आधारित ईंधन उस दिशा में जाने की तरफ काफी महत्वपूर्ण जरिया बनेंगे। अगले छह वर्षों में 10 हजार से ज्यादा नये सीएनजी स्टेशन खोलने का लक्ष्य-इस वर्ष के पहले छह महीनों में सीएनजी वाहनों की बिक्री में 33 फीसद का इजाफा हुआ है, इलेक्टि्रक मोबिलिटी की तरफ भारत की यात्रा में सीएनजी एक अहम ट्रांजिशन ईंधन के तौर पर स्थापित हो चुका है।

डॉ अनिल कुमार जैन, चेयरमैन, पीएनजीआरबी

आने वाले दिनों में सीएनजी वाहनों की मांग और बढ़ेगी। हमारी कंपनी की कुल बिक्री में सीएनजी की हिस्सेदारी 14.9 फीसद हो चुकी है। हम लगातार सीएनजी वाहनों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित व किफायती बनाने के लिए प्रयासरत हैं। सिर्फ दो वर्षों में हुंडई की किल बिक्री में सीएनजी वाहनों की हिस्सेदारी 9 फीसद से बढ़ कर 11.4 फीसद हो गई है। अक्टूबर माह में तो यह हिस्सेदारी 14.9 फीसद थी। ग्राहकों से लगातार विमर्श के बाद हुंडई अपने सीएनजी वाहनों की डिजाइन में काफी बदलाव किया है जिससे दो अलग-अलग ईंधनों के लिए दो अलग-अलग सिलेंडर वाले वाहन पेश किया जा सका है। देश में जब 17,500 सीएनजी स्टेशन खुल जाएंगे तो इन वाहनों की मांग और बढेगी।

तरूण गर्ग, निदेशक व सीओओ, हुंडई मोटर इंडिया

सरकार का क्या है प्लान?

केंद्र सरकार ने अगले कुछ वर्षों में सीएनजी आपूर्ति को बेहतर करने के लिए दो लाख करोड़ रुपये के नये निवेश की योजना तैयार की है। सरकार देश की अर्थव्यवस्था में गैस की मौजूदा हिस्सेदारी 7 फीसद को वर्ष 2030 तक बढ़ा कर 15 फीसद करना चाहती है। पीएम नरेन्द्र मोदी स्वयं कई बार इस बारे में बात कर चुके हैं। सीएनजी ईंधन को बढ़ावा देना इस योजना का अहम हिस्सा है।

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