दोपहिया EV कंपनियों ने ग्राहकों से पैसे वापस लेने के लिए सरकार से मांगी अनुमति, FAME-2 स्कीम से जुड़ा है मामला
FAME-2 स्कीम के तहत मिलने वाली सब्सिडी में की गई गड़बड़ी को लेकर सरकार ने हीरो इलेक्ट्रिक ओकिनावा ऑटोटेक एम्पीयर ईवी रिवोल्ट मोटर्स बेनलिंग इंडिया एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो से सब्सिडी का रिफंड मांग रही है। इसको लेकर कौल ने कहा कि कुछ महीने पहले ग्राहकों से अधिक शुल्क लेने के लिए कुछ ओईएम पर जुर्माना भी लगाया था।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Fri, 28 Jul 2023 07:05 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। FAME-2 स्कीम के तहत मिलने वाली सब्सिडी के कथित दुरुपयोग को लेकर आलोचना का सामना कर रहे सात इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माताओं के एक समूह ने शुक्रवार को सरकार से आग्रह किया कि वह ग्राहकों से वाहनों की खरीद पर ली गई अतिरिक्त छूट का भुगतान करने के लिए कहने की संभावना पर विचार करे। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।
ईवी कंपनियों ने सरकार से क्या कहा?
भारी उद्योग मंत्री एमएन पांडे को लिखे एक पत्र में सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) ने कहा कि जिन ग्राहकों ने ऐसी सब्सिडी ली है, उन्हें इसे प्रभावित ओईएम को वापस करने के लिए कहा जा सकता है। केंद्र ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) II योजना मानदंडों का अनुपालन नहीं करने पर प्रोत्साहन का दावा करने के लिए हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा सहित सात इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं से 469 करोड़ रुपये की मांग की है।
अतिरिक्त छूट की राशि लौटाने की मांग
इसको लेकर कौल ने कहा कि यह ध्यान में रखते हुए कि आपके विभाग ने कुछ महीने पहले ग्राहकों से अधिक शुल्क लेने के लिए कुछ ओईएम पर जुर्माना लगाया था और फिर उनसे राशि वापस करने के लिए कहा था, ये संभव है कि जो पैसा आप वर्तमान में गैर-अनुपालन के लिए ओईएम के अन्य सेट से मांग रहे हैं, इसी तरह उनके द्वारा ग्राहकों से वसूला जा सकता है और विभाग को वापस किया जा सकता है। उन्होंने कहा, अगर किसी ग्राहक को सही कीमत से अधिक छूट मिली है, तो अतिरिक्त राशि वापस करना उसके लिए अनिवार्य है, भले ही सुधार पूर्वव्यापी हो।
इन कंपनियों से वापस लिया जाएगा पैसा
आपको बता दें कि सरकार हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पियर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो से सब्सिडी का रिफंड मांग रही है। भारी उद्योग मंत्रालय की जांच से पता चला है कि इन कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन कर योजना के तहत राजकोषीय प्रोत्साहन का लाभ उठाया है। योजना के नियमों के अनुसार, भारत में निर्मित कंपोनेंट का उपयोग करके इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहन की अनुमति दी गई थी, लेकिन जांच में यह पाया गया कि इन सात कंपनियों ने कथित तौर पर आयातित कंपोनेंट का उपयोग किया था।