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क्या सच में खत्म हो जाएगा डीजल गाड़ियों का दौर? जानें Emission Norms 2023 के बाद कितना पड़ेगा आपकी जेब पर असर

Emission Norms 2023 के आने से डीजल गाड़ियों की बिक्री पर असर दिखना शुरू हो गया है। साथ ही कार निर्माता भी अपने डीजल मॉडल्स को बंद कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि नए नियम के आने से क्या आपकी जेब पर भी इसका असर पड़ेगा?

By Sonali SinghEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2022 05:01 PM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2022 05:01 PM (IST)
Will the era of diesel vehicles end? Know reason

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। New Emission Norms 2023: अभी कुछ समय पहले ही हुंडई ने अपनी फेमस i20 कार के डीजल वेरिएंट को बंद करने का फैसला लिया है। इससे पहले टोयोटा और फॉक्सवैगन भी अपनी डीजल कारों को बंद करने की घोषणा कर चुकी हैं। ऐसा 2023 में आने वाले एमिशन नॉर्म्स की वजह से हो रहा है, जिससे कार निर्माताओं को अगले साल अप्रैल तक अपने पुराने डीजल मॉडलों को बंद करना पड़ सकता है।

ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के इस कदम से क्या डीजल वाली गाड़ियां बाजार से हमेशा के लिए उठ जाएंगी? अभी डीजल वाली गाड़ियां खरीदना फायदे का सौदा होगा? साथ ही नए नॉर्म्स के आने के बाद गाड़ियों को खरीदने में क्या अतिरिक्त रकम चुकानी पड़ेगी? इन्ही सवालों के जवाब आज हम आपको देने जा रहे हैं।

क्या है नया एमिशन नॉर्म्स?

नए एमिशन नॉर्म्स 1 अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगा। इससे तहत बीएस 6 स्टेज 2 के नियमों को पूरा नहीं करने वाली गाड़ियों की बिक्री बंद कर दी जाएगी। नए नियमों के तहत ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट इंजनों को लाया जा रहा है, जिससे CO2 उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा। 

डीजल गाड़ियों पर कैसे पड़ेगा इसका असर?

नए नॉर्म्स के आने से ज्यादातर लोग डीजल गाड़ियों को खरीदने से दूर जा रहे हैं और पेट्रोल गाड़ियों की तरफ फोकस कर रहे हैं। वहीं, कार निर्माता भी आपकी डीजल गाड़ियों की बिक्री को एक-एक कर बंद कर रही है। हालांकि, बिक्री बंद होने पर भी इन गाड़ियों की सर्विस मिलती रहेगी। लेकिन फिर भी लोग इसे खरीदने से हिचक रहे हैं। इसका एक कार यह भी है कि दिल्ली जैसे जगहों पर 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को चलाने पर प्रतिबंध है। वहीं, पेट्रोल गाड़ियों को 15 साल तक चलाया जा सकता है।

आपकी जेब पर पड़ने वाला है कितना असर?

नए एमिशन नॉर्म्स के आने से गाड़ियों की कीमतों को न चाहते हुए भी बढ़ाना पड़ेगा, क्योंकि मौजूदा मॉडलों के इंजनों को अपडेट करने की जरुर है। पीछली बार 2020 में BS6 मानक वाले इंजनों को लाया गया था, जिसकी वजह से गाड़ियों की कीमतें 50,000 और 90,000 रुपये और दोपहिया वाहनों की कीमत 3,000 और 10,000 के बीच बढ़ गई थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि तकनीक को अपग्रेड करने के लिए लगभग 70,0000 करोड़ का निवेश कार निर्माताओं द्वारा किया गया था और लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ा। इसलिए इस बार भी गाड़ियों के दम बढ़ने की उम्मीद है।

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