CNG Car में बूट स्पेस और इंजन की कम पावर जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खासकर हैचबैक और सब-4-मीटर सेडान में सीएनजी किट लगने के बाद बूट स्पेस लगभग खत्म हो जाता है। अगर आप नियमित पेट्रोल कार यूज करते हैं तो आप सीएनजी फ्यूल के साथ इसके इंजन में पावर आउटपुट की कमी देख पाएंगे।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Thu, 29 Jun 2023 08:00 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लगातार बढ़ रहे पेट्रोल के दाम और डीजल इंजन वाली गाड़ियों के भविष्य को लेकर संशय के बीच लोगों के पास CNG कारों के रूप में एक सस्ता और टिकाऊ समाधान है। क्या आपको पता है कि CNG कार
फ्यूल एफिशियंट तो होती हैं, लेकिन इनके कई सारे नुकसान भी हैं। अपने इस लेख में हम ऐसी ही कुछ दिक्कतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हे एक सीएनजी कार मालिक को फेस करना पड़ सकता है।
'न' के बराबर बूट स्पेस
बीते दिनों भारतीय बाजार में पेश की गई
Tata Altroz CNG को छोड़ दिया जाए, तो देश में सभी सीएनजी कारें के फ्यूल टैंक बूट स्पेस घेरते हैं। ऐसे में अगर आप बड़ी फैमिली वाले हैं या फिर दोस्तों के साथ लंबी ट्रिप पर जा रहे हैं तो सामान रखने में आपको काफी दिक्कत होगी। खासकर हैचबैक और सब-4-मीटर सेडान में सीएनजी किट लगने के बाद बूट स्पेस लगभग खत्म हो जाता है।
पावर आउटपुट में कमी
सीएनजी कारों के नुकसान में एक बड़ा नुकसान इसके पावर आउटपुट में होने वाली कमी है। यदि आप नियमित पेट्रोल कार यूज करते हैं तो आप सीएनजी फ्यूल के साथ इसके इंजन में पावर आउटपुट की कमी देख पाएंगे। जिस दिन आप सीएनजी पर स्विच करेंगे, आप विशेष रूप से गर्मियों की ड्राइव में पावर की भारी गिरावट महसूस करेंगे, जहां आपको अधिकतम
एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है।
छोटा सर्विस इंटरवल
यदि आप
सीएनजी पर स्विच कर रहे हैं तो आपको अपनी कार के सर्विस शेड्यूल के बारे में अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। कारण बिल्कुल बुनियादी है। जब कार का इंजन सीएनजी पर होता है, तो स्पार्क प्लग और इंजन ऑयल आवश्यकता से अधिक घिस जाते हैं। यदि आपकी कार सीएनजी पर है तो आपको कई सर्विस सेंटर जाना पड़ सकता है और ये जांचना होगा कि आपकी कार का इंजन कैसा चल रहा है। इसका रख रखाव पेट्रोल और डीजल कारों से काफी मुश्किल है।