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EV VS Hydrogen Car: इलेक्ट्रिक या फिर हाइड्रोजन कार? दोनों में किसका भविष्य है ज्यादा उज्जवल

इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों से अधिक है। क्योंकि कई स्टार्टअप्स कंपनियां ईवी के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही हैं वहीं वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर अधिक जोर दे रही हैं। हमारा मानना है कि वर्तमान में ईवी भारत का भविष्य साबित हो सकता है। हालांकि माइलेज और जल्दी फ्यूल भरने के मामले में हाइड्रोजन गाड़ी बेहतर हो सकती है।

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Sat, 07 Oct 2023 08:00 AM (IST)
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इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन कार में जानें कौन बेहतर
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। इस समय भारत में कई इलेक्ट्रिक व्हीकल बिक्री पर मौजूद हैं, लेकिन आज भी एक्सपर्ट्स हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन बता रहे हैं। हालांकि, हाइड्रोजन कार शुरुआत में महंगी हो सकती हैं। फिलहाल अभी ईवी का मार्केट बिल्कुल नया है, वहीं हाइड्रोजन का मार्केट अभी अंडर कंस्ट्रक्शन है ऐसे में सवाल उठता है कि भविष्य में इलेक्ट्रिक कार ज्यादा प्रभावशाली रहेंगी या फिर ईवी? इसके जवाब आपको इस ऑर्टिकल में मिल जाएगा।

इलेक्ट्रिक कार

इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लिथियम आयन बैटरी लगी हुई होती है, जो गाड़ी के अन्य हिस्सों को पॉवर देने का काम करती है। ईवी को चार्ज करने के लिए हमें इलेक्ट्रिक स्विच का सहारा लेना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी का कहना है कि ग्रीन फ्यूल की कीमत लगभग 1 डालर आएगी। इसका मतलब ये है कि ये गाड़ियां फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में सस्ती पड़ेंगी। हालांकि, अभी भी ईवी से महंगी हो सकती हैं।

हाइड्रोजन कार

हाइड्रोजन कारों में भी इलेक्ट्रिक मोटर लगी हुई होती है, जो हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलता है। यह सेल हाइड्रोजन को बिजली और पानी के भांप के कैमिकल प्रोडक्शन को बनाने के लिए ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करने की अनुमति देती है। इससे निकलने वाली ऊर्जा से गाड़ी के सभी हिस्सों में पॉवर पहुंचती है। इस गाड़ी को पहचानने के लिए आप गाड़ी के साइलेंसर को देख सकते हैं, जिसमें से थोड़ी-थोड़ी पानी की बूंदें आपको दिखाई देती है। भारत में ग्रीन हाइड्रोन असानी से उपलब्ध नहीं है, इसके लिए विशेष प्लांट पर जाना पड़ता है।

दोनों में कौन बेहतर?

इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों से अधिक है। क्योंकि कई स्टार्टअप्स कंपनियां ईवी के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही हैं वहीं वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर अधिक जोर दे रही हैं। हमारा मानना है कि वर्तमान में ईवी भारत का भविष्य साबित हो सकता है। हालांकि, माइलेज और जल्दी फ्यूल भरने के मामले में हाइड्रोजन गाड़ी बेहतर हो सकती है।