1 जून से महंगे हो जाएंगे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, फेम-II स्कीम में होने जा रहा बड़ा बदलाव
तीन साल पहले FAME-II स्कीम को शुरू किया गया था। इसके लिए सरकार ने 10000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की थी। इसे 1 अप्रैल 2019 से शुरू किया गया था और जून 2021 में दो साल का विस्तार प्राप्त हुआ। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन 1 जून, 2023 से महंगे होने जा रहे हैं। 21 मई को जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, भारी उद्योग मंत्रालय ने FAME-II सब्सिडी राशि को संशोधित कर 10,000 रुपये प्रति kWh कर दिया है, जबकि पहले यह राशि 15,000 रुपये प्रति kWh थी। इसके चलते अधिकांश इलेक्ट्रिक वाहन लगभग 25,000 रुपये से 35,000 रुपये तक महंगे हो सकते हैं। क्या है पूरी खबर, आइए जान लेते हैं।
FAME-II स्कीम में होगा संशोधन
तीन साल पहले FAME-II स्कीम को शुरू किया गया था। इसके लिए सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की थी। इसे 1 अप्रैल, 2019 से शुरू किया गया था और जून 2021 में दो साल का विस्तार प्राप्त हुआ, जिससे सब्सिडी योजना की प्रभावी अवधि बढ़कर 31 मार्च 2024 हो गई थी। जून 2021 में, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की मांग में तेजी लाने के लिए MHI ने प्रोत्साहन राशि को 10,000 रुपये प्रति kWh से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया था। इसे अब फिर से पहले जैसा कर दिया जाएगा, जिसके चलते दोपहिया वाहनों का महंगा होना तय है।
कितने महंगे हो जाएंगे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर?
इस नवीनतम संशोधन के परिणामस्वरूप, सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता जो FAME-II सब्सिडी के लिए पात्र हैं, उन्हें अपने उत्पाद की कीमतों में लगभग 25,000-35,000 रुपये की वृद्धि करनी पड़ सकती है। उदाहरण के लिए, एथर 450एक्स और ओला एस1 प्रो के लिए उपलब्ध सब्सिडी राशि वर्तमान में 55,000-60,000 रुपये के बीच है। नए संशोधित दरों के साथ इन पर मिलने वाली सब्सिडी राशि आधे से भी कम हो जाएगी। ऐसे में इनकी कीमतें 25 से 30 हजार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ जाएंगी।
क्या बिक्री पर भी पड़ेगा असर?
ये साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के दामों में एकदम से होने वाली इस बढ़ोतरी के चलते बिक्री पर भी असर पड़ने वाला है। अगर आप एक नया इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो जुलाई के अंत तक इसे खरीद लें, नहीं तो आपको 1 जून, 2023 के बाद इन पर 25,000-35,000 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं। हालांकि, अभी तक वाहन निर्माता कंपनियों की ओर से अपने प्रोडक्ट्स को महंगा करने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।