2030 तक 10 में से 8 लोगों के पास होगा इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटोमोबाइल उद्योग में आएंगे ये बदलाव: रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बिक्री का लक्ष्य 80 प्रतिशत तक रखा गया है। भविष्य में लोग वाहन के इंजन की जगह इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी लगवाने पर भी जोर दे सकते हैं। (फाइल फोटो)।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारत में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़त हो रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि पूरे दशक तक जारी रहने की संभावना है। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री को पीछे छोड़ देगी।
सोमवार को जारी केपीएमजी और सीआईआई द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोग भविष्य में वाहन के इंजन की जगह इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी लगवाने पर भी जोर दे सकते हैं। क्या है पूरी खबर आइए आपको बताते हैं।
EV की जमकर बढ़ेगी मांग
केपीएमजी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि विकासशील बुनियादी ढांचे, सरकारी प्रोत्साहन और नए ईवी मॉडल के लॉन्च के साथ ईवी अडॉप्शन की भविष्य में तेजी से वृद्धि देखने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश 2030 तक 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन अपना लेगा। हालांकि अभी ये देखना होगी कि ये बात कितनी सच साबित हो सकेगी।
फेम (FAME) स्कीम का सहारा
पिछले कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने FAME योजना जैसी नीतियों और योजनाओं का मसौदा तैयार किया है। जिसका उद्देश्य कारों के लिए 30 प्रतिशत EV बिक्री पैठ, कॉमर्शियल वाहनों के लिए 70 प्रतिशत और बसों के साथ-साथ 40 प्रतिशत हासिल करना है। 2030 तक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए इसका लक्ष्य 80 प्रतिशत तक रखा गया है।
इंजन की जगह इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग
कहा जा रहा है कि ईवी के आगमन के साथ बहुत सारे तकनीकी परिवर्तन भी चलन में आ गए हैं। उदाहरण के लिए पारंपरिक आईसीई से इंजन को बैटरी से बदल दिया जाता है। इसमें बैटरी प्रबंधन प्रणाली (बीएमएस) होती है जबकि ट्रांसमिशन को मोटर और नियंत्रक द्वारा बदल दिया जाता है। केपीएमजी ने कहा कि जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी केंद्र में आती है, आपूर्तिकर्ता इस डोमेन में प्रवेश कर सकते हैं। इसके चलते नए व्यावसायिक अवसरों का लाभ भी उठाया जा सकेगा।