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दो साल में EV की लागत हो जाएगी पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर, नितिन गडकरी ने कही बड़ी बात

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा-ईवी सब्सिडी के बिना भी लागत को बनाए रख सकते हैं लेकिन प्रोत्साहन का विरोध नहीं। केंद्रीय मंत्री बोले-जल्द ही लिथियम आयन बैटरी की कीमत 100 डालर प्रति किलोवाट घंटा हो जाएगी। उन्न्त प्रौद्योगिकी और प्रतिभाशाली कर्मचारियों की उपलब्धता से आटोमोटिव हब बन सकता है भारत। अगर सरकार प्रोत्साहन से जुड़ा कोई भी फैसला लेती है तो यह आटोमोटिव उद्योग के लिए फायदेमंद होगा।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Mon, 09 Sep 2024 10:00 PM (IST)
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दो साल में पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी ईवी की लागत।

नई दिल्ली, एजेंसियां। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि दो साल के अंदर ईवी की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में आई कमी से इलेक्टि्रक वाहन अब बिना सब्सिडी के भी अपनी लागत को कम बनाए रख सकते हैं। हालांकि जहां तक इलेक्टि्रक वाहनों को किसी तरह का प्रोत्साहन या सब्सिडी दिए जाने की बात है तो यह तय करने का काम वित्त और भारी उद्योग मंत्रालय का है। अगर सरकार प्रोत्साहन से जुड़ा कोई भी फैसला लेती है तो यह आटोमोटिव उद्योग के लिए फायदेमंद होगा।

सबसे पहले मैं एक बात स्प्ष्ट कर दूं कि मैं किसी भी सब्सिडी के खिलाफ नहीं हूं। मुझे कोई समस्या नहीं है।' हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत में इलेक्टि्रक मोबिलिटी को अपनाने में तेजी लाने के लिए और अधिक प्रोत्साहन की आवश्यकता है तो उन्होंने कहा कि एक समय में लिथियम आयन बैटरी की कीमत 150 डालर प्रति किलोवाट घंटा थी। अब इसकी कीमत 108 से 110 डालर प्रति किलोवाट घंटा है। मुझे विश्वास है कि यह 100 डालर तक आ जाएगी।

नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री

भारत बनेगा दुनिया का आटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब

भारत दुनिया में नंबर एक आटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब बन सकता है। उन्होंने कहा कि उन्न्त प्रौद्योगिकी, किफायती प्रतिभाशाली कर्मचारियों की उपलब्धता और वैश्विक स्तर पर भारतीय आटो उद्योग की अच्छी प्रतिष्ठा जैसे कारके इसके पक्ष में काम करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पुराने वाहनों को हटाने में तेजी लाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन की आवश्यकता पड़ेगी तो इस पर गडकरी ने कहा कि इसकी जरूरत नहीं होगी, क्योंकि बाजार की ताकतें आटो कंपनियों को उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए स्वयं कदम उठाने के लिए मजबूर करेंगी।

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इलेक्टि्रक दोपहिया तथा तिपहिया वाहनों को प्रोत्साहन देने वाली 'इलेक्टि्रक मोबिलिटी प्रमोशन' योजना 2024 को फेम-3 को अंतिम रूप दिए जाने तक बढ़ाया जाएगा। एसीएमए के वार्षिक सत्र में बोलते हुए कुमारस्वामी ने कहा, '(हाइब्रिड एवं) इलेक्टि्रक वाहनों को तेजी से अपनाने व विनिर्माण (फेम) से जुड़ी योजना के तीसरे चरण को अंतिम रूप देने में कुछ और समय लगेगा।

एचडी कुमारस्वामी, उद्योग मंत्री

मोटर वाहन उद्योग 20 लाख करोड़ के पार

भारतीय मोटर वाहन उद्योग ने वित्त वर्ष 2023-24 में 20 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है और अब यह देश में एकत्र कुल जीएसटी में 14-15 प्रतिशत का योगदान देता है।

आटो क्षेत्र देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि आटो उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्तमान स्तर पर लगभग 6.8 प्रतिशत से अधिक का योगदान देगा। अग्रवाल ने कहा, 'अभी हम दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा यात्री वाहन बाजार, सबसे बड़ा दोपहिया और तिपहिया बाजार और तीसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक वाहन बाजार हैं। आटोमोटिव उद्योग और भी तेजी से बढ़ने तथा देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।

विनोद अग्रवाल, सियाम के प्रेसिडेंट

तिपहिया ईवी अपनाने में हुई उल्लेखनीय वृद्धि

दुनियाभर में विश्व ईवी दिवस मनाया जा रहा है, ऐसे में भारत में विभिन्न श्रेणियों में ईवी को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारत सरकार के वाहन डैशबोर्ड डेटा से पता चलता है कि ग्रीन मोबिलिटी समाधानों की रुझान बढ़ा है। ईवी पैठ में सबसे उल्लेखनीय रुझान तिपहिया श्रेणी में देखा गया है। 2024 में खरीदे गए सभी नए तिपहिया वाहनों में से 53.61 प्रतिशत इलेक्टि्रक थे, जिससे यह सेगमेंट ईवी अपनाने में अग्रणी बन गया। दोपहिया वाहनों की बिक्री में इलेक्टि्रक वाहनों की हिस्सेदारी 4.97 प्रतिशत है। हालांकि कुल कार बिक्री में इलेक्टि्रक कारों की हिस्सेदारी केवल 2.14 प्रतिशत है। एक अनुमान के मुताबिक, 2024 में बेची गई सभी नई बसों में से 3.20 प्रतिशत इलेक्टि्रक होंगी।

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आयात पर निर्भरता कम करें कंपनियां

गोयल वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भारतीय आटो कंपोनेंट कंपनियों से आयात पर निर्भरता कम करने और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के तरीके तलाशने को कहा है, जिससे देश इन उत्पादों का शुद्ध निर्यातक बन सके। मंत्री ने इन कंपनियों से 2030 तक 100 अरब डालर के निर्यात का लक्ष्य रखने को कहा है। अभी निर्यात 21.5 अरब डालर है।

एथर एनर्जी आइपीओ से जुटाएगी 3,100 करोड़ इलेक्टि्रक

दोपहिया बनाने वाली कंपनी एथर एनर्जी ने आइपीओ के जरिये 3,100 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास दस्तावेज जमा किए हैं। प्रस्तावित आइपीओ इक्विटी शेयरों के नए इश्यू और प्रमोटरों व निवेश शेयरधारकों द्वारा 2.2 करोड़ की बिक्री पेशकश का संयोजन है।