EV Fire Case: इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने की ये है असल वजह! जानें सरकार का एक्शन प्लान
DRDO के सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (CFEES) ने मंत्रालय को अपनी फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसने विभिन्न ईवी निर्माताओं के प्रतिनिधियों से तलब किया है। सरकार बीआईएस मानकों का निर्माण भी कर रही है जिसे सभी वाहन निर्माताओं को पालन करना होगा।
By Atul YadavEdited By: Updated: Wed, 01 Jun 2022 07:17 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने की कई घटनाओं ने आम जनमानस के मन में अविश्वास पैदा किया है। हालांकि, ईवी की बिक्री में इजाफा देखने को मिला है, इसका मतलब साफ है कि लोग अभी भी ईवी की तरफ शिफ्ट होने की प्लानिंग कर रहे हैं। अगर आप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना चाहते हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें, जहां आपको इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लगने के कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं।
इन वजहों से ईवी में लगती है आग ई-स्कूटर में इस्तेमाल होने वाली गैसोलिन और लिथियम दोनों बेहद ज्वलनशील होते हैं। इनमें आग पकड़ने में सिर्फ तापमान का अंतर होता है। गैसोलिन 210 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर आग पकड़ता है, जबकि लिथियम 135 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर आग पकड़ लेता है। गर्मियों में अधिक तापमान होने के कारण ईवी में आग लगना एक वजह हो सकती है। लेकिन इससे साथ-साथ अन्य कई कारण हो सकते हैं, जिनकेचलते इलेक्ट्रिक व्हीकल में आग लग सकती है।
जांच टीम ने सौंपी रिपोर्टई-स्कूटर में आग और बैटरी विस्फोट के घटनाओं को ध्यान में रखते हुए एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसकी शुरुआती रिपोर्ट में बैटरी पैक, मॉड्यूल के डिजाइन और बैटरी में गंभीर दोष पाए गए हैं। इसके अलावा सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाओं में बैटरी सेल या डिजाइन के साथ समस्याओं की पहचान भी की गई है।
जांच कमेटी के विशेषज्ञों ने बैटरी डिजाइन के रूप में लगभग सभी इलेक्ट्रिक स्कूटरों में यह दोष पाया है। जानकारी के लिए बता दें कि आग लगने की घटनाओं की जांच करने के बाद DRDO के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (CFEES) ने मंत्रालय को अपनी फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसने विभिन्न ईवी निर्माताओं के प्रतिनिधियों से तलब किया है। सरकार बीआईएस मानकों का निर्माण भी कर रही है, जिसे सभी वाहन निर्माताओं को पालन करना होगा।