EV fire incidents: इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा को लेकर सरकार है सतर्क, भारी उद्योग मंत्री ने दिया जवाब
EV fire incidents के मामलें में भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी है कि सरकार इस मामलें में सतर्क है। साथ ही विशेषज्ञों का एक पैनल है इसे देख रहा है।
By Sonali SinghEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2022 03:36 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। EV fire incidents: हाल के समय में भारत में कई इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटना देखी गई है। जिसे गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार एक जांच कमिटी का गठन कर चुकी है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ समय पहले बताया था कि दोपहिया इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं के सीईओ और एमडी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अब लेटेस्ट अपडेट के रूप में सरकार ने सूचित किया है कि यह ईवी और विशेषज्ञों के सुरक्षा मानकों के बारे में अतिरिक्त सतर्क है।
भारी उद्योग राज्य मंत्री ने दी जानकारी
लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि सरकार ने ईवी दोपहिया वाहनों में बैटरी विस्फोट की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और एक विशेषज्ञों का पैनल इसे देख रहा है।जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने इस मामले को लेकर DRDO को जांच के आदेश दिए हैं, जहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस) विंग ने इन घटनाओं की जांच करते हुए सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है।
बुलाए जा रहे हैं ई- वाहन
मंत्री ने बताया कि आग लगने की घटना और इसमें इस्तेमाल की जाने वाली बैटरी में खराबी पाए जाने के बाद वाहन निर्माता एलर्ट मोड में हैं। अब तक 6,656 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को वापस बुला लिया गया है। इसमें ओकिनावा ऑटोटेक ने 3,215 यूनिट्स, प्योरईवी ने 2,000 ईवी और ओला इलेक्ट्रिक ने 1,441 यूनिट्स को वापस बुलाया है।रिपोर्ट में कही गई है यह बात
आपको बता दें कि DRDO द्वारा जारी जांच रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल बैटरी पैक में खराबी पाई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शायद लागत कम करने के लिए कंपनियों ने निम्न-श्रेणी के सामानों का इस्तेमाल किया होगा, जिस वहज से इनके स्कूटरों में आग लगने की घटना सामने आई है। इसके बाद से इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली बैटरी के लिए एक स्टैंडर्ड नियम की जरूरत महसूस की जा रही है।