ईवी स्टार्ट-अप्स ने बदला इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार का स्वाद, जानें कंपनियों की राय
सरकार के दृष्टिकोण के मद्देनज़र पिछले कुछ सालों के दौरान देश में बड़ी संख्या में स्टार्ट-अप्स ईवी स्पेस में आए हैं। सरकार की अनुकूल नीतियों एवं पर्यावरण के बारे में बढ़ती जागरुकता के चलते उद्योग जगत में कई नए प्लेयर्स आए हैं जो लगातार विकसित हो रहे हैं।
By Atul YadavEdited By: Updated: Wed, 16 Feb 2022 07:52 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, वहीं इलेक्ट्रिक सेगमेंट में कई स्टार्टअप्स कंपनियां भी अपनी लक आजमा रही हैं। ऐसे में सरकार भी ईवी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। जैसे- ईवी व्हीकल पर सब्सिडी देना, बैटरी स्वाइपिंग नीति को जल्द लागू करने की घोषणा करना आदि। आइये जानते हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को लेकर स्टार्टअप कंपनियों के क्या राय है।
'गो इलेक्ट्रिक'अभियान सरकार के 'गो इलेक्ट्रिक'अभियान से इस क्षेत्र में नए अवसर सामने आए हैं और अनेक राज्यों ने आगे आकर इस दिशा में कई नीतियां बनाई है तथा लोगों को इस तरह के वाहनों को अपनाने की प्रेरणा दी है। इसी के चलते विभिन्न राज्य सरकारों ने पहले ही विशेष ईवी नीतियों की घोषणा कर दी थी और इनमें दिल्ली , गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात सरकारों ने इन वाहनों पर रियायत देने की घोषणा भी की है।
ग्रेटा इलेक्ट्रिक स्कूटर ग्रेटा इलेक्ट्रिक स्कूटर के फाउंडर राज मेहता ने कहा कि 2030 तक भारत के सभी वाहनों को ई-वाहनों में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण के मद्देनज़र पिछले कुछ सालों के दौरान देश में बड़ी संख्या में स्टार्ट-अप्स ईवी स्पेस में आए हैं। सरकार की अनुकूल नीतियों एवं पर्यावरण के बारे में बढ़ती जागरुकता के चलते उद्योग जगत में कई नए प्लेयर्स आए हैं, जो लगातार विकसित हो रहे हैं। ईवी प्लेयर्स आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर इलेक्ट्रिक वाहनों में ऐसे फीचर्स शामिल कर रहे हैं, ताकि इन्हें स्मार्ट एवं यूज़र के अनुकूल बनाया जा सके और ये वाहन उपभोक्ताओं की पहली पसंद बन जाएं।
कोमाकी इलेक्ट्रिककोमाकी इलेक्ट्रिक की डॉयरेक्टर गुंजन मलहोत्रा का कहना है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने वाले सरकारी नियमों में छूट, पर्यावरण के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता, पेट्रोल की बढ़ती कीमतें और बढ़ता प्रदूषण, ये सब मिलकर भारत में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर उद्योग के विकास में योगदान दे रहे हैं। मुझे लगता है कि भारतीय ईवी उद्योग में विकास के लिए बहुत जगह है, खासकर अब जब लोग तेजी से पर्यावरण को लेकर जागरूक हो रहे हैं और कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। ईवी दोपहिया वाहन आसानी से और कम रखरखाव, सस्ती अग्रिम लागत, उत्कृष्ट ऊर्जा अर्थव्यवस्था और पोर्टेबल डिजाइन के कारण शहरों में यात्रा के लिए सबसे व्यावहारिक विकल्प बन गए हैं।
भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक उद्योग में स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कई नए व्यवसाय मॉडल के साथ, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और मोबिलिटी सेवाएं बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण अवसर क्षेत्र हैं। इसके अलावा, वे डिजिटल तकनीकों जैसे चार्जिंग लोकेशन फाइंडर व रिजर्वेशन ऐप और ऑनलाइन भुगतान और राइड-शेयरिंग सर्विस के जरिए रोजगार और कमाई के नए पैदा कर रहे हैं।गो-जीरो मोबिलिटी
गो-जीरो मोबिलिटी के को-फाउंडर सुमित रंजन ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट के बारे में बताते हुए कहा कि ईवी स्टार्ट-अप्स इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार का स्वाद बदल रहे हैं। उनका कहना है कि पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर (ईवी) का जोरदार प्रचार किया जा रहा है। पर्यावरण का प्रदूषण इस समय एक वैश्विक मुद्दा है। वहीं दूसरी ओर ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से लोग इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सरकार भी ईवी के दिशा में काफी काम कर रही है, जहां केंद्रीय बजट 2022 के अनुसार, बैटरी स्वैपिंग रणनीति, जिसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाना है।