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Bharat NCAP: देश की सभी कारों को देनी होगी ये 'अग्निपरीक्षा', जानिए भारत में कैसे होगा गाड़ियों का क्रैश टेस्ट

सरकार ने हाल ही में संसद को बताया था कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम या BNCAP शुरू करने की सरकार की योजना को इन हादसों को कम करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। अपने इस लेख में विस्तार से जानेंगे कि देश में गाड़ियों का क्रैश टेस्ट किस तरह से होगा।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Tue, 04 Jul 2023 08:00 PM (IST)
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नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश की सरकार लगातार वाहनों की सुरक्षा को लेकर नए नियम लाती रहती है। इसी कड़ी में केंद्रीय परिवहन विभाग ने काफी समय से विचाराधीन BNCAP को 1 अक्टूबर से भारत के सभी नए वाहनों के लिए अनिवार्य करने की योजना बनाई है। सरकार ने हाल ही में जारी किए एक मसौदे में कहा है कि BNCAP 3.5 टन से कम सकल वाहन वजन वाले श्रेणी एम 1 के अनुमोदित वाहनों पर लागू होगा।

अब देश की सभी कार निर्माता कंपनियों को केंद्र सरकार द्वारा नामित एजेंसी को फॉर्म 70-A में एक आवेदन जमा करना होगा। इसके बाद परीक्षण एजेंसी एआईएस-197 के अनुसार वाहनों का मूल्यांकन करेगी और फॉर्म 70-B के अनुसार नामित एजेंसी को मूल्यांकन रिपोर्ट सौंपेगी।

नामित एजेंसी समय-समय पर संशोधित ऑटोमोटिव उद्योग मानक (AIS)-197 के अनुसार अपने मोटर वाहन को स्टार रेटिंग दिलाएगी। क्या है BNCAP, देश में क्यों है इसकी जरूरत और ये काम कैसे करेगा? आइए, इन सभी सवालों के जवाब अपने इस लेख में जान लेते हैं।

Bharat NCAP क्या है?

देश की सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं, ऐसे में गाड़ियों की खराब बिल्ड क्वालिटी और मानक के अनुरूप न होने की वजह से पैसेंजर और ड्राइवर को ज्यादा क्षति पहुंचती है। एक अनुमान के मुताबिक देश की सड़कों पर हर घंटे कम से कम 14 लोगों की मौत हो जाती है।

सरकार ने हाल ही में संसद को बताया था कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम या BNCAP शुरू करने की सरकार की योजना को इन हादसों को कम करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

वैश्विक मानकों के अनुरूप, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में Bharat NCAP (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) के लिए एक मसौदा अधिसूचना को मंजूरी दी है। भारत एनसीएपी विभिन्न मापदंडों के आधार पर भारतीय कारों का रेटिंग आधारित सुरक्षा मूल्यांकन है। इसे वैश्विक बेंचमार्क परीक्षण प्रोटोकॉल के साथ जोड़ा जाएगा। ऐसे में Bharat NCAP प्रोग्राम अपनाने के बाद, कारों को एक से पांच तक "सेफ्टी" स्टार रेटिंग दी जाएगी और कस्टमर सूचित विकल्प चुनने में सक्षम होंगे।

अपनी कारों को स्टार रेटिंग प्राप्त करना एक वैश्विक मानक है, जिसका पालन कई प्रमुख वाहन निर्माता करते हैं। जबकि विभिन्न क्षेत्रों और देशों के अपने-अपने एनसीएपी कार्यक्रम हैं, विभिन्न एनसीएपी के बीच सहयोग बढ़ाने और उभरते बाजारों में वाहन दुर्घटना परीक्षण को बढ़ावा देने के लिए 2011 में एक Global NCAP का गठन किया गया था।

Bharat NCAP कैसे करेगा काम?

Bharat NCAP एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (AOP), चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (COP) और सेफ्टी असिस्ट टेक्नोलॉजीज (SAT) जैसे मापदंडों पर वाहनों को एक से पांच स्टार के बीच रेटिंग देगा। ये फ्रंटल इम्पैक्ट, साइड इम्पैक्ट और दुर्घटना के बाद दरवाजा खुलने की संभावना का अध्ययन करेगा। टक्कर के संभावित प्रभाव का अध्ययन वाहन के अंदर रखे डमी की मदद से किया जाएगा।

उनके आयाम परीक्षण आवश्यकताओं के अनुसार पूर्व-निर्दिष्ट किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में कार को एल्युमीनियम डिफॉर्मेबल बैरियर से ऐसे टकराया जाएगा कि 40 प्रतिशत ओवरलैप हो जाए। वहीं ये परीक्षण ऑफसेट कंडीशन में भी आयोजित किया जाएगा। इस दौरान इस चीज का भी ध्यान रखा जाएगा कि कार में एयरबैग किस तरह से खुलते हैं और ये तीनों तरह के प्रोटेक्शन टेस्ट में कितनी खरी उतरने वाली है।

Bharat NCAP से हमें क्या फायदा?

आप सोच रहे होंगे कि पहले भी तो कारों का क्रैश टेस्ट होता था, फिर ये Bharat NCAP की क्या जरूरत पड़ गई? दरअसल अन्य देशों की सड़कों के मुकाबले भारतीय मार्गों की स्थिति काफी अलग है, तो इस हिसाब से देश के लिए बनाई जा रही कारों का टेस्ट भी यहां के विशेष मानकों के हिसाब से ही करना चाहिए। इस चीज को ही ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वार Bharat NCAP शुरू किए जाने की योजना बनाई गई है।