HSRP: क्यों जरूरी है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट? जानिए रजिस्ट्रेशन से लेकर इन्स्टॉलेशन तक की प्रक्रिया
High Security Registration Plate (HSRP) एक एल्यूमीनियम निर्मित नंबर प्लेट होती है जो वाहन के फ्रंट और रियर में लगाई जाती है। अप्रैल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना आसान था और उन्हें आसानी से हटाया और बदला जा सकता था। इसके चलते वाहन चोरी की घटनाओं में भी काफी वृद्धि हुई। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। देश में लगातार बढ़ रहे सड़कों के जाल और निर्बाध गति से रफ्तार भर रहे वाहनों के साथ देश और राज्य की सरकार ट्रैफिक नियमों को भी सख्त बना रही हैं। हाल ही में यूपी में इसका एक ताजा उदाहरण देखने को मिला है। प्रदेश की सरकार ने यूपी में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट(HSRP) को सभी वाहनों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। अपने इस लेख में हम HSRP यानी High Security Registration Plate के बारे में जानेंगे।
HSRP क्या है?
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक एल्यूमीनियम निर्मित नंबर प्लेट होती है, जो वाहन के फ्रंट और रियर में लगाई जाती है। एचएसआरपी के ऊपरी बाएं कोने पर एक नीले रंग का क्रोमियम-आधारित अशोक चक्र का होलोग्राम होता है। इसके निचले बाएं कोने पर एक यूनिक लेजर-ब्रांडेड 10-अंकीय स्थायी पहचान संख्या (पिन) दिया जाता है।
इसके अलावा, पंजीकरण संख्या के अंकों और अक्षरों पर एक हॉट-स्टैंप फिल्म लगाई जाती है और उसके साथ नीले रंग में 'IND' लिखा होता है।खास बात ये है कि एचएसआरपी वाहन के डिजिटल पंजीकरण के बाद ही जारी किया जाता है और ये वाहन से जुड़ा होता है। इस प्रकार, प्लेटों का उपयोग एक अलग कार पर नहीं किया जा सकता है और उन्हें चोरी और इन प्लेटों के किसी अन्य प्रकार के दुरुपयोग को रोकने के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया जाता है।
HSRP क्यों हैं जरूरी?
अप्रैल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना आसान था और उन्हें आसानी से हटाया और बदला जा सकता था। इसके चलते वाहन चोरी की घटनाओं में भी काफी वृद्धि हुई। अक्सर देखने को मिलता था कि चोरी करने के बाद चोर लगाए गए पंजीकरण नंबरों को बदल देते थे, जिससे अधिकारियों के लिए वाहन को ट्रैक करना लगभग असंभव हो जाता है। एचएसआरपी नंबर प्लेट आने के बाद कार की चोरी के मामले कम हुए हैं क्योंकि ये केवल एक बार ही प्रयोग की जा सकती हैं और वाहन में लगने के बाद खुलती नहीं हैं, बल्कि इनके हिंज को काटना पड़ता है।
वहीं, दूसरी ओर HSRP के आ जाने से ट्रैफिक पुलिस का भी काम काफी आसान हो गया है। इस नंबर प्लेट के आने के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को पकड़ना और उनका चालान करना काफी आसान हो गया है। एचएसआरपी के साथ, पंजीकरण प्लेटों में एकीकृत फॉन्ट और स्टाइल होती है, जिससे उन्हें बेहतर ढंग से समझा जा सकता है।
HSRP कैसे बनवाएं?
मौजूदा समय में अगर आप कोई नया वाहन खरीदते हैं तो डीलरशिप आपको इसके साथ HSRP प्रदान करती है। कीमत की बात करें तो दोपहिया वाहन के लिए ये लगभग 400 और फोर-व्हीलर के लिए 1100 रुपये तक हो सकती है। आपको बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में ये मूल्य कम-ज्यादा हो सकता है। यदि आप सोच रहे हैं कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ऑनलाइन कैसे अप्लाई करें, तो इसके पंजीकरण की प्रक्रिया निम्नलिखित है -
- सरकार द्वारा अधिकृत पंजीकरण पोर्टल Bookmyhsrp.com पर जाएं
- सभी आवश्यक विवरण जैसे वाहन नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर, पता, संपर्क सूत्र,फ्यूल ऑप्शन आदि भरें।
- यदि वाहन निजी उपयोग के लिए है, तो स्क्रीन पर प्रदर्शित वाहन श्रेणी विकल्प के तहत ‘non-transport’ पर क्लिक करें।
- इस फॉर्म को सबमिट करें और आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- भुगतान करने के लिए दिए गए यूजर नेम और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करें। इसके साथ ही आपको एक रसीद भी मिल जाएगीय़
- जैसे ही आपके वाहन का एचएसआरपी नंबर तैयार हो जाएगा, आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर इसकी सूचना प्राप्त होगी।
इस प्रक्रिया के कुछ समय बाद ही अधिकृत डीलरशिप पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट आ जाएगा और आप इसे अपने वाहन में लगवा सकेंगे।