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Scrap Policy के तहत सरकार ने पेश किया नया विंडो सिस्टम, जुड़ रहे 11 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश

Scrap Policy पुराने वाहनों को कबाड़ करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली को शुरू किया है जिसमें 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा जा रहा है। इसके बारे में पूरी जानकारी नीचे देखें।

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Thu, 05 Jan 2023 11:13 AM (IST)
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Government New Single Window System Under Scrap Policy India
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। पुराने वाहनों को कबाड़ करने के लिए बीते साल लाई गई स्क्रैप पॉलिसी (Scrap Policy) के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक नया अपडेट दिया है। इसके तहत स्वैच्छिक वाहन-बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) के लिए 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (National Single Window System) से जोड़ा गया है।

क्या है व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी?

व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी (V-VMP) को 1 अप्रैल, 2022 को लागू कर दिया गया है। इस नीति के तहत निजी वाहनों के लिए 20 साल बाद फिटनेस टेस्ट का प्रावधान है, जबकि वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15 साल पूरे होने के बाद इस कबाड़ करने की जरूरत होती है। बता दें कि केंद्रीय बजट 2021-22 में इस पॉलिसी को घोषित किया गया था और अब राज्यों द्वारा इसका तेजी से पालन किया जाना शुरू हो गया है। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य व्हीकल स्क्रैपिंग इकोसिस्टम में निजी निवेश को आकर्षित करना भी है।

कई राज्यों से मिले है आवेदन

मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि 14 नवंबर, 2022 तक 117 निवेशकों ने व्हीकल स्क्रैपिंग सुविधाएं ( Registered Vehicle Scrapping Facilities) के लिए रुचि दिखाई है और उन्हे आवेदन प्रक्रियाधीन हैं। स्क्रैप सुविधा के लिए गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम, गोवा, उत्तराखंड और चंडीगढ़ को राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली में शामिल किया गया है। साथ ही, 36 आवेदनों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अप्रूवड किया गया है।

स्क्रैप पॉलिसी के हैं कई लाभ

नई नीति के तहत, केंद्र ने कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत तक कर छूट प्रदान करेंगे।इसके अलावा, स्क्रैप के बाद कार के पुर्जों को बेचा और इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे वाहन मालिक को ज्यादा फायदा मिल सकता है।

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