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हाइवे से खत्म होंगे Toll Plaza? सरकार छह महीने में लाने जा रही है GPS आधारित नया सिस्टम

टोल प्लाजा को और एडवांस करने के लिए सरकार अगले छह महीने में जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन के लिए नई तकनीक को लेकर आने वाली है। इसके कारण टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा अवधि में काफी सुधार आएगा। (जागरण फोटो)

By Ayushi ChaturvediEdited By: Ayushi ChaturvediUpdated: Fri, 24 Mar 2023 03:21 PM (IST)
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सरकार छह महीने में लाने जा रही है GPS आधारित नया सिस्टम
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि सरकार देश में मौजूदा राजमार्ग टोल प्लाजा को बदलने के लिए अगले छह महीने में जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन को कलेक्ट करने वाली नई तकनीक को पेश करने वाली है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस कदम को उठाने के पीछे का उद्देश्य ट्रैफिक को कम करना है। इसका फायदा वाहन चालकों को भी मिलेगा। वाहन चालकों ने जितनी दूरी तय की है, उसी हिसाब से उनका टोल कटेगा। इसके साथ ही नितिन गडकरी ने कहा कि NHAI का टोल राजस्व अभी 40,000 करोड़ रुपये है और यह आने वाले 2 से 3 साल में 1.40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला है।

टोल प्लाजा पहले से और एडवांस

नितिन गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा को और एडवांस करने के लिए सरकार देश में जीपीएस आधारित टोल प्रणाली सहित नई तकनीकों पर विचार कर रही है... और इस तकनीक को अगले छह महीने में लाया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (The ministry of road transport and highways) टोल संग्रह को अधिक प्रभावी बनाने के लिए  ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली (automatic number plate reader cameras) की एक पायलट परियोजना चला रहा है।

घटा वेटिंग पीरियड

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी  ने बताया कि 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों के लिए औसत वेटिंग टाइम 8 मिनट का लगता था। वहीं इसके बाद 2020-21 और 2021-22 के दौरान फास्टैग की शुरुआत के साथ, वाहनों का औसत प्रतीक्षा समय घटकर 47 सेकंड रह गया है।

कई जगहों पर वेटिंग के समय में काफी सुधार हुआ है, विशेष रूप से शहरों के पास, लेकिन जहां पर जनसंख्या अधिक है, उन शहरों में अभी भी पीक आवर्स के दौरान टोल प्लाजा पर कुछ देरी होती है। गड़करी ने गुणवत्ता से समझौता किए बिना सड़क निर्माण की लागत कम करने की जरूरत पर जोर दिया।