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देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए EV को अपनाने की कवायद तेज, सरकार बना रही है पॉलिसी

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर आयोजित एक समारोह में तरुण कपूर ने कहा कि उन्होंने ईवी उद्योग से वाहनों की कीमतों में कटौती और बैटरी के आकार को कम करने के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने की भी शुरुआत की है। (फाइल फोटो)।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Tue, 06 Jun 2023 04:09 PM (IST)
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Govt will come out with policies to get public transport in most Indian cities

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने मंगलवार को कहा कि सरकार अधिकांश भारतीय शहरों में सार्वजनिक परिवहन शुरू करने के लिए नीतियां लाएगी और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग इस सेगमेंट में बहुत बड़े सपोर्ट की उम्मीद कर सकता है।

उन्होने कहा कि एक विश्लेषण में, यह महसूस किया गया कि अधिकांश भारतीय शहरों में सार्वजनिक परिवहन नहीं है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जाएगा।

भारत को EV अपनाने की जरूरत

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर आयोजित एक समारोह में तरुण कपूर ने कहा कि उन्होंने ईवी उद्योग से वाहनों की कीमतों में कटौती और बैटरी के आकार को कम करने के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने की भी शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि कुछ स्कैंडिनेवियाई और यूरोपीय देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रवेश तेज गति से हो रहा है और अब भारत वह देश है जिसे मुख्य रूप से अपनी ऊर्जा सुरक्षा चिंताओं के कारण इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।

भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का 85 प्रतिशत से अधिक आयात करता है और 50 प्रतिशत से अधिक प्राकृतिक गैस को भी आयात करता है। उन्होने कहा कि दुनिया के सबसे प्रदूशित शहरों में भारत की के कई शहर शामिल हैं, ऐसे में EVs अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

मैनुफैक्चरिंग पर भी दिया जाए जोर

अपने भाषण में कपूर ने कहा कि हम वास्तव में इस क्षेत्र को चलाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं ताकि न केवल देश की सड़कों पर इलेक्ट्रिक कार, बसें और दोपहिया वाहन हों, बल्कि हम दुनिया के लिए एक फैनुफैक्चरिंग सेंटर के रूप में भी सामने आएं।

कपूर का कहना है कि आने वाले 5-7 सालों में देश के अंदर 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर देखे जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स सेक्टर में बड़े खिलाड़ी हैं, इसलिए केवल एक चीज है बदलाव जो आसान होना चाहिए।

FAME-III योजना का सुझाव

FAME India योजना 1 अप्रैल, 2019 को तीन साल की अवधि के लिए शुरू हुई थी, जिसे 31 मार्च, 2024 तक दो साल की अवधि के लिए और बढ़ा दिया गया था। इस साल 1 जून से इसमें फिर से बड़ी कटौती गई है। ऐसे में फिक्की इलेक्ट्रिक वाहन समिति के अध्यक्ष सुलाजा फिरोदिया मोटवानी ने हर साल कम प्रोत्साहन के साथ पांच साल के लिए फेम-III योजना का सुझाव दिया है।

उन्होने कहा कि प्रोत्साहन की अचानक वापसी से ईवी की कीमतों में अचानक वृद्धि होगी और इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर प्रतिकूल असर पड़ने वाला है। इसके अलावा वर्तमान में बैटरी पर जीएसटी दर को भी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।