Green hydrogen होगा भविष्य का ईंधन, केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा- भारत बनेगा इसका सबसे बड़ा बाजार
आर के सिंह के अनुसार जनवरी 2023 में भारत को हरित हाइड्रोजन के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से 19744 करोड़ रुपये के आउटले के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी गई है। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि वे भूमि अधिग्रहण के लिए विभिन्न राज्यों के साथ काम कर रहे हैं जिसमें विभिन्न देशों के राजनयिक और उद्योग जगत के नेता शामिल थे।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 05 Jul 2023 03:49 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने निवेशकों से क्लीन एनर्जी सोर्स के निर्माण के लिए देश में निवेश करने का आग्रह करते हुए कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन भारत में भविष्य का ईंधन बनने जा रहा है। देश के विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने ग्रीन हाइड्रोजन 2023 पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में यह टिप्पणी की है। इसके साथ ही उन्होने ग्रीन हाइड्रोजन से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातों पर भी चर्चा की, आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
आर के सिंह ने किया साझेदारी का आग्रह
केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने 2,500 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति वाले सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हम (हरित हाइड्रोजन) परियोजनाओं को विकसित करने में आपकी मदद करेंगे। हम मांग के साथ-साथ आपकी मदद भी करेंगे। आइए और हमारे साथ साझेदारी करिए।"उन्होंने आगे कहा कि निवेशक इलेक्ट्रोलाइजर के विकास, ग्रीन हाइड्रोजन के परिवहन के लिए तंत्र, ग्रीन स्टील और सीमेंट के निर्माण में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग आदि के लिए साझेदारी कर सकते हैं। आर के सिंह का कहना है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। सिंह ने कहा, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र की तरह, भारत हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनकर उभरेगा।
क्या है सरकार की योजना
उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि वे भूमि अधिग्रहण के लिए विभिन्न राज्यों के साथ काम कर रहे हैं, जिसमें विभिन्न देशों के राजनयिक और उद्योग जगत के नेता शामिल थे। उन्होंने कहा कि भारत इसी गति से बढ़ रहा है और ये ऐसे उद्योग हैं, जिन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन की 3.5 मीट्रिक टन क्षमता स्थापित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
आर के सिंह के अनुसार जनवरी 2023 में, केंद्र ने भारत को हरित हाइड्रोजन के निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से 19,744 करोड़ रुपये के आउटले के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दी है। इस मिशन का लक्ष्य 2030 तक देश में लगभग 125 गीगावॉट की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की उत्पादन क्षमता के विकास को बढ़ावा देना है।