EV इंडस्ट्री में विदेशी कंपनियों का क्यों बढ़ रहा है दबदबा? रेस में किस पायदान पर हैं Tata और Mahindra
लगातार बढ़ रही EV की मांग के बीच चिंता का विषय ये है कि टाटा मोटर्स को छोड़कर देश की किसी भी ऑटो निर्माता कंपनी ने अभी तक इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में कुछ खास रुचि नहीं दिखाई है। (फाइल फोटो)।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Tue, 16 May 2023 04:16 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण और आसमान छू रहे डीजल-पेट्रोल के दाम ऑटो इंडस्ट्री के लिए गंभीर समस्या बन रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि इंडस्ट्री का भविष्य इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों में है। देश-दुनिया में लगातार बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग इसे पूरी तरह से दर्शाती है।
भारत दुनिया में तीसरे सबसे बड़े ऑटो बाजार के रूप में इलेक्ट्रिक वाहन फर्मों के लिए एक 'आइडियल टारगेट' है। चिंता का विषय ये है कि टाटा मोटर्स को छोड़कर देश की किसी भी ऑटो निर्माता कंपनी ने अभी तक इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में कुछ खास रुचि नहीं दिखाई है। कैसा होने वाला है देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य और भारतीय ऑटोमेकर कंपनियां क्यों नहीं ले रही हैं इसमें खास रुचि, आइए जानते हैं इस लेख में।
भारतीय ऑटोमेकर हैं पीछे
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को लेकर भारतीय ऑटोमेकर खास रुचि नहीं ले रहे हैं। हालांकि, कार निर्माता कंपनियों की अपेक्षा दोपहिया ईवी निर्माता ब्रांड अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। देश में Ola, Ather और TVS जैसे ब्रांड इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण और बिक्री कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर टाटा ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री में सबसे उम्दा काम किया है। टाटा मोटर्स देश में सबसे इलेक्ट्रिक कार बेचने वाली कंपनी है।
इसके पोर्टफोलियो में Tata Tiago EV, Tata Tigor Ev और Tata Nexon EV शामिल है। टाटा के अलावा महिंद्रा ही एक मात्र भारत की पॉपुलर कार निर्माता कंपनी है जो इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण और बिक्री के लिए आगे आई है। कंपनी ने हाल ही में अपनी XUV300 के इलेक्ट्रिक वर्जन को पेश किया था, इसे XUV400 नाम दिया गया है। ऐसे में कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भारतीय ऑटोमेकर पीछे हैं।