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ट्रक और सेना की गाड़ियां बनाने वाली कंपनी कैसे बन गई पॉपुलर कारमेकर, बेहद रोचक है Nissan का इतिहास

1 जून 1934 को टोक्यो स्थित जिदोशा-सीज़ो काबुशिकी-कैशा ने Nissan Motor Company का रूप लिया था। जिदोशा-सीज़ो काबुशिकी-कैशा की स्थापना दिसंबर 1933 में हुई थी। कंपनी का नया नाम जून 1934 में अपनाया गया था। Nissan ने 1935 में अपने योकोहामा प्लांट में पहला वाहन निर्मित किया था। (फाइल फोटो)।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 17 May 2023 07:40 AM (IST)
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history of Nissan Motor Company in the World
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। दुनिया में कार निर्माता कंपनियों का इतिहास बहुत पुराना है। अपने इस लेख में हम आपको Nissan के बारे में बताने जा रहे हैं। जून 1934 में अपनी शुरुआत करने वाली इस टोक्यो बेस्ड कंपनी का अब तक का सफर कैसा रहा, आइए जान लेते हैं।

Nissan का इतिहास

1 जून,1934 को टोक्यो स्थित जिदोशा-सीज़ो काबुशिकी-कैशा ने Nissan Motor Company का नाम लिया था। जिदोशा-सीज़ो काबुशिकी-कैशा की स्थापना दिसंबर 1933 में हुई थी। कंपनी का नया नाम, जून 1934 में अपनाया गया था। Nissan ने 1935 में अपने योकोहामा प्लांट में पहला वाहन निर्मित किया था। इसका नाम डैटसन है।

डैटसन, जापानी ऑटोमोटिव पायनियर मासुजिरो हाशिमोटो द्वारा डिजाइन किया गया एक छोटा और बॉक्सी यात्री वाहन था। कंपनी ने वर्ष 1935 में ही ऑस्ट्रेलिया को कारों का निर्यात करना शुरू किया था। इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, निसान पूरी तरह से छोटी यात्री कारों के उत्पादन से ट्रकों और सैन्य वाहनों के उत्पादन में परिवर्तित हो गया।

17 देशों में फैली है कंपनी 

मित्र देशों की सेना ने 1945 में निसान के अधिकांश उत्पादन कार्यों को जब्त कर लिया था और एक दशक बाद तक निसान को पूर्ण नियंत्रण वापस नहीं किया था। इसके बाद 1960 में, निसान इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के लिए डेमिंग पुरस्कार जीतने वाली पहली जापानी वाहन निर्माता कंपनी बनी। ब्लूबर्ड (1959), सेड्रिक (1960) और सनी (1966) जैसे नए डैटसन मॉडल ने जापान और विदेशों में निसान की बिक्री बढ़ाने में मदद की और कंपनी ने 1960 के दशक के दौरान अभूतपूर्व सफलता हासिल की। Nissan अब दुनिया भर के 17 देशों में कारोबार कर रही है।

Nissan का भारत में कारोबार

भारत में निसान के पास दो ब्रांड निसान और डैटसन का पोर्टफोलियो है। फरवरी 2008 में, निसान ने अपने वैश्विक गठबंधन सहयोगी Renault और तमिलनाडु सरकार के साथ चेन्नई के पास ओरागादम में 7 साल की अवधि में 45 अरब रुपये के निवेश के साथ एक मैनुफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया था। कंपनी की Nissan Magnite मौजूदा समय में भारतीयों द्वारा खूब पसंद की जा रही है।