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भविष्य में कितनी एडवांस हो जाएंगी हाइवे? जानें EV मालिकों को क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं

गौरतलब है कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल एक नई घोषणा की थी कि सरकार दिल्ली से मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की योजना पर विचार कर रही है। साथ ही उन्होंने भारी वाहन मालिकों से एथेनॉल मेथेनॉल के साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल शुरू करने का आग्रह भी किया था। (जागरण फाइल फोटो- प्रतिकात्मक)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Sun, 30 Jul 2023 09:25 AM (IST)
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How advanced will the highways be in the future?
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इस समय इंडियन मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। बढ़ते बिक्री को देखते हुए सरकार ईवी इंफ्रा पर तेजी से वर्क कर रही है, जिसमें हाइवे और एक्सप्रेसवे पर ईवी को सपोर्ट करने के लिए ईको सिस्टम को तैयार करना शामिल है। इस खबर के माध्यम से आपको बताएंगे भारत सरकार किस तरह से भविष्य में ईवी को सपोर्ट को करने लिए ईकोसिस्टम बनाएगी।

कितना एडवांस होगा भविष्य का हाइवे

आने वाले समय ईवी यूजर्स को हाइवे और एक्सप्रेसवे पर काफी सुविधा मिलने वाली है। इसलिए, इलेक्ट्रिक हाइवे पर तेजी से काम चल रहा है। हाइवे पर आपके जगह-जगह बैटरी स्वैपिंग मशीन मिल जाएगी, एमर्जेंसी सेवा मिल जाएगा, जगह-जगह फूड प्लाजा या होटल के अगल-बगल चार्जिंग प्वाइंट्स मिल जाएंगे। फार्स्ट चार्जर की सुविधा आदि मिल जाएगी। आप आप ये सोच रहे होंगे कि ये इलेक्ट्रिक हाइवे क्या है इससे लोगों को क्या फायदा मिलेगा, तो इसके बारे में आपको नीचे बताने जा रहे हैं।

ई-हाइवे से क्या होगा फायदा?

- इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे वाहनों की आवाजाही पर आने वाले खर्च में भारी कमी हो सकती है। एक रिपोर्ट्स में दिए गए आंकड़े के मुताबिक, ई-हाइवे से लॉजिस्टिक कॉस्ट में 70 फीसदी की आएगी। कुल मिलाकर अगर ट्रांस्पोर्टेशन के लागत में अगर कमी आएंगी की भारत में बिकने वाले चीजों की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है। इलेक्ट्रिक हाइवे पूरी तरह से ईको फ्रेंडली साबित होगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक गाड़ियां डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होती हैं।

गौरतलब है कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल एक नई घोषणा की थी कि सरकार दिल्ली से मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की योजना पर विचार कर रही है। साथ ही उन्होंने भारी वाहन मालिकों से एथेनॉल, मेथेनॉल के साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल शुरू करने का आग्रह भी किया था।