कितने तरह के होते हैं Airbag और ये कैसे करते हैं काम? यहां समझिए पूरा गणित
एयरबैग बहुत हल्के पदार्थ से बने होते हैं और खुलने पर गैस से भरे गुब्बारे की तरह काम करते हैं। इस तकनीक में सेंसर शामिल हैं जो दुर्घटना की स्थिति में प्रभाव को समझते हैं और एयरबैग सिस्टम के भीतर इग्निशन रिले को एक संकेत भेजते हैं। आधुनिक कारों में तीन अलग-अलग प्रकार के एयरबैग होते हैं। आइए इनके बारे में जान लेते हैं।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 27 Sep 2023 06:21 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। कारों में एयरबैग का इस्तेमाल काफी समय से होता आ रहा है। पहली बार ओल्डस्मोबाइल टोरोनैडो ने 1973 में इनका इस्तेमाल करना शुरू किया था। इसके बाद जनरल मोटर्स (GM) अपनी कारों में एयरबैग की पेशकश करने वाली पहली कार निर्माताओं में से एक बन गई। तब से, एयरबैग तकनीक काफी विकसित होकर अधिक कुशल, विश्वसनीय और सुरक्षित बन गई है।
आप सोच रहे होंगे कि हम एकदम से इस विषय पर क्यों बात कर रह रहे हैं? दरअसल हाल ही में एक सड़क दुर्घटना होने के बाद एयरबैग का मुद्दा एकदम से उभरा है। अपने इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि गाड़ियों में एयरबैग कैसे काम करता है और इसका होना कितना जरूरी है।
कैसे काम करता है एयरबैग?
एयरबैग बहुत हल्के पदार्थ से बने होते हैं और खुलने पर गैस से भरे गुब्बारे की तरह काम करते हैं। इस तकनीक में सेंसर शामिल हैं, जो दुर्घटना की स्थिति में प्रभाव को समझते हैं और एयरबैग सिस्टम के भीतर इग्निशन रिले को एक संकेत भेजते हैं। इसके परिणामस्वरूप एयरबैग तेजी से गैस से भर जाता है और ऊपरी छुपाने वाले आवरण को तोड़ने के बाद खुल जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया को शुरू होने और पूरा होने में बस एक सेकंड का एक अंश लगता है। एयरबैग बैठने वालों के लिए कुशन के रूप में ड्राइविंग के दौरान इन बातों का नहीं रखा ध्यान तो एयरबैग भी नहीं आएगा काम, इन बातों का रखें खास ख्यालकार्य करते हैं, उन्हें कठोर सतहों से टकराने से रोकते हैं, जो सिर की चोटों, घावों और रीढ़ की हड्डी की चोटों से बचाने में मदद कर सकता है।
यह भी पढ़ें- ड्राइविंग के दौरान इन बातों का नहीं रखा ध्यान तो एयरबैग भी नहीं आएगा काम, इन बातों का रखें खास ख्याल