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GNSS से कैसे बदलेगा यात्रा का अनुभव, नई प्रणाली का किस तरह मिलेगा फायदा, पढ़ें पूरी खबर

भारत में जल्‍द ही FASTag की जगह टोल वसूलने का काम GNSS के जरिए होगा। किस तरह से नई व्‍यवस्‍था के लागू होने के बाद यात्रा का अनुभव बदल सकता है। नई प्रणाली के लागू होने का फायदा जनता को किस तरह से मिलेगा। GNSS पर सरकार की ओर से अब तक क्‍या जानकारी दी जा चुकी है। आइए जानते हैं।

By Sameer Goel Edited By: Sameer Goel Updated: Thu, 12 Sep 2024 10:00 AM (IST)
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क्‍या है GNSS, किस तरह से बदल देगा यात्रा का अनुभव, जानें पूरी डिटेल।
ऑटो डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भारत में आने वाले कुछ महीनों के दौरान नेशनल हाइवे और एक्‍सप्रेस वे पर सफर करना और आसान हो सकता है। सरकार की ओर से FASTag की जगह GNSS के जरिए टोल वसूलने की व्‍यवस्‍था को जल्‍द शुरू किया जा सकता है। नई व्‍यवस्‍था के लागू होने के बाद सफर का अनुभव किस तरह से बदल सकता है और इसका फायदा किस तरह से मिलेगा। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

जल्‍द शुरू होगी नई व्‍यवस्‍था

नेशनल हाइवे और एक्‍सप्रेस वे पर टोल वसूलने के लिए जल्‍द ही नई व्‍यवस्‍था को शुरू किया जा सकता है। जिसके बाद FASTag और मैनुअल तरीके से टोल वसूलने जैसी व्‍यवस्‍था के कारण लगने वाले समय से राहत मिलेगी।

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मिलेगी 20 KM की छूट

जानकारी के मुताबिक नई व्‍यवस्‍था के शुरू होने के बाद वाहनों से स्‍थानीय यात्रा करने पर 20 किलोमीटर तक की छूट दी जाएगी। जबकि अभी तक छूट लेने के लिए अलग से आवेदन करने से लेकर दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने की जरुरत पड़ती है। लेकिन नई व्‍यवस्‍था में खुद से ही 20 किलोमीटर तक चलने पर किसी भी तरह का टोल नहीं देना होगा।

कैसे करेगी काम

नई व्‍यवस्‍था में GNSS के जरिए टोल वसूला जाएगा। जिसको वाहन में लगे ऑन बोर्ड यूनिट से जोड़ा जाएगा। जिसके बाद तय की गई दूरी के मुताबिक ही टोल लिया जाएगा। अगर किसी व्‍यक्ति के घर के 20 किलोमीटर के दायरे में टोल प्‍लाजा मिलता है तो उसे नई व्‍यवस्‍था से खुद ही छूट मिल जाएगी।

करना होगा यह काम

वाहन मालिकों को नई व्‍यवस्‍था के जरिए टोल से छूट के लिए कुछ खास काम करवाने होंगे। सबसे पहले वाहन में GNSS OBU को लगाना होगा और उसे संबंंधित अधिकारियों के पास रजिस्‍टर्ड करवाना होगा। इसके बाद यह भी सुनिश्‍चित करना होगा कि उनके खाते में र्प्‍याप्‍त राशि हो।

धीरे-धीरे होगा विस्‍तार

रिपोर्ट्स के मुताबिक नई व्‍यवस्‍था जूून 2025 तक करीब दो हजार किलोमीटर तक ही शुरू हो पाएगी। बाद में इसका धीरे-धीरे विस्‍तार किया जाएगा। दो हजार किलोमीटर शुरू करने के बाद अगले नौ महीनों के दौरान इसे 10 हजार किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा और फिर 15 महीनों में इसे बढ़ाकर 50 हजार किलोमीटर तक कर दिया जाएगा।

हो चुकी है टेस्टिंग

केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने कुछ समय पहले संसद में एक सांसद के प्रश्‍न का जवाब देते हुए बताया था कि कि कर्नाटक में बेंगलुरु और मैसूर के बीच एनएच-275 और हरियाणा में पानीपत और हिसार के बीच एनएच-709 (पुराना एनएच-71ए) पर इस सिस्‍टम को पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर टेस्‍ट किया गया है।

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