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कैसे बनता इथेनॉल? फ्लेक्स फ्यूल वाली गाड़ियों से इनका क्या है कनेक्शन

यह ईंधन के स्थान पर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और कीमत के मामलों में सस्ता भी होता है। इसको फसलों के जरिए से घरेलू स्तर पर उत्पादित किया जा सकता है (और कच्चे तेल की तरह इसे आयात करने की आवश्यकता नहीं है)।

By Atul YadavEdited By: Updated: Sun, 18 Dec 2022 04:54 PM (IST)
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गाड़ियों में क्यों इस्तेमाल किया जाता है इथेनॉल
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। इस समय इलेक्ट्रिक व्हीकल के बाद हाइड्रोजन और इथेनॉल से चलने वाली गाड़ियां काफी चर्चा में हैं। बहुत से लोगों को फ्लेक्स फ्यूल के बारे में नहीं पता है, जिसका जिक्र हम नीचे इस खबर के माध्यम से करने जा रहे हैं । इसमें आपको बताएंगे एथनॉल क्या होता है और कैसे बनता है।

क्या होता इथेनॉल

इथेनॉल (Ethanol) एक अलग प्रकार का ईंधन है, जिसके इस्तेमाल प्रदूषण कम होता है यानी कि इसका इस्तेमाल कर वाहन भी चलाया जा सकता है और पर्यावरण को होने वाला नुकसान भी कम किया जा सकता है।

इथेनॉल, चीनी के उत्पादन से बचा हुआ उप-उत्पाद पेट्रोल का एक अच्छा विकल्प है। यह ईंधन के स्थान पर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और कीमत के मामलों में सस्ता भी होता है। इसको फसलों के जरिए से घरेलू स्तर पर उत्पादित किया जा सकता है (और कच्चे तेल की तरह इसे आयात करने की आवश्यकता नहीं है) और पेट्रोल में एक निश्चित प्रतिशत इथेनॉल मिलाया जा सकता। E20 के इस मामले में यह 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत गैसोलीन है।

कैसे बनता है इथेनॉल

इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इथेनॉल का उत्पादन यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है।

फ्लेक्स फ्यूल क्या है? जानिए इथेनॉल से क्या है इसका कनेक्शन

इस समय फ्लेक्स-फ्यूल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। यह एक आंतरिक दहन इंधन है जो गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिलकर तैयार किया जाता है। इस तरह के इंधन से पेट्रोल का इस्तेमाल कम होगा और कोस्ट कटिंग में मदद मिलेगी। वहीं, फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाली कारें बिना किसी दिक्कत के अपने मानक फ्यूल के अलावा दूसरे ईंधन से भी चल सकती हैं।

इथेनॉल ईंधन की कीमत करीब 60 से 65 रुपये प्रति लीटर पड़ेगी। इस तरह फ्लेक्स फ्यूल के इस्तेमाल से आम आदमी 30 से 35 रुपये प्रति लीटर की बचत कर सकेगा। कई फ्लेक्स-फ्यूल वाहन इथेनॉल पर चलते हैं, जो गन्ने की चीनी और मकई जैसी सामग्री से स्थायी रूप से उत्पादित होते हैं। यह इथेनॉल को विदेशी तेल खरीदने का एक अच्छा विकल्प बनाता है।

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