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Ratan Tata को कैसे आया था दुनिया की सबसे सस्ती कार बनाने का आइडिया, दिल छूने वाली है कहानी

Tata Nano Cheapest Car In India टाटा संस के पूर्व चेयरमैन Ratan Tata का 9 अक्टूबर की रात को देहांत हो गया। अब भले ही वह हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके द्वारा किए गए काम को देश हमेशा याद रखेगा। इसी में से एक है दुनिया की सबसे सस्ती कार Tata Nano को लॉन्च करना है। इसे लेना लगभग निम्न आय वर्ग के लिए सपना बन गई थी।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Thu, 10 Oct 2024 01:16 PM (IST)
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Ratan Tata को कैसे आया Tata Nano बनाने का आइडिया?
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। Tata Sons के पूर्व चेयरमैन Ratan Tata का बीती रात 9 अक्टूबर को देहांत हो गया। उन्होंने अपनी अंतिम सांस 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली। अब भले वह हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके जरिए किए गए कामों को देश हमेशा उन्हें याद रखेगा। उनमें से एक काम निम्न आय वर्ग के लिए दुनिया की सबसे सस्ती कार Tata Nano को लाना। हम यहां पर आपको बता रहे हैं कि रतन टाटा को टाटा नैनो बनाने का आइडिया कैसे आया।

रतन टाटा ने देखी ये घटना

रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह अपनी लग्जरी कार से शहर की सड़कों पर सैर किया करते थे। एक बार मुंबई की तेज बारिश में उन्होंने एक परिवार के चार लोगों को स्कूटर पर सफर करते हुए देखा था। वह परिवार काफी परेशानी का सामना कर सफर कर रहा था और बारिश से बचने की नाकामयाब कोशिश भी कर रहा था। स्कूटर पर माता-पिता के बीच बैठे बच्चे किसी तरह से खुद को एडजस्ट करके बैठे थे। उन्हें देखकर ऐसा लगता था कि जैसे उनकी हालत किसी सैंडविच जैसी हो।  

Ratan Tata with tata nano

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छोटी कार बनाने बनाने का आया आइडिया

स्कूटर पर सवार परिवार को बारिश में भीगते हुए देखने के बाद रतन टाटा ने सोचा कि कितना अच्छा होता कि इनके पास एक छोटी सी कार होती, जिसमें वह आराम से सीट पर बैठकर जाते। उन्हें फिर किसी धूल और बारिश की चिंता नहीं सताती। इस घटना के बाद उन्होंने दुनिया की सबसे सस्ती कार जिसे सभी Tata Nano के नाम से जानते हैं उसे जमीन पर लाने में लग गए।

Ratan Tata with tata nano

साल 2008 में लॉन्च की Tata Nano

रतन टाटा ने निम्न आय वर्ग के लिए एक छोटी और किफायती कार लाने का सपना साल 2008 में पूरा कर लिया। उन्होंने 10 जनवरी 2008 को दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित दिल्ली ऑटो एक्सपो में टाटा नैनो को लोगों के सामने पेश किया। इसके बेसिक मॉडल की कीमत एक लाख रुपये रखी गई थी। इस दौरान रतन टाटा ने कहा था कि वह भारतीय परिवारों को कम कीमत में ट्रांसपोर्ट का एक बेहतर माध्यम उपलब्ध कराना चाहते हैं।

Ratan Tata and Narendra modi with tata nano

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2009 में पहले ग्राहक को खुद सौंपी चाभी

रतन टाटा ने नैनो की मांग को देखते हुए लॉटरी के जरिए पहले एक लाख कारों को देने का फैसला लिया। वहीं, उन्होंने खुद टाटा नैनो के पहले ग्राहक को 17 जुलाई 2009 में चाभी अपने हाथों से सौंपी थी। इसके पहले ग्राहक कस्टम विभाग के कर्मचारी अशोक रघुनाथ थे।

Ratan Tata with tata nano

टाटा नैनो क्यों रही चर्चा में

टाटा नैनो के चर्चा में रहने के पीछे के कई कारण है। जिस समय यह लॉन्च हुई थी, उस दौरान किसी भी कंपनी के पास इतने कम कीमत में फैमिली कार नहीं थी। इसे हर वह आदमी खरीद सकता था, जिसके पास बाइक खरीदने का पैसा हो। इतना ही इसके लॉन्च होने के बाद यह कार हर मिडिल क्लास परिवार का सपना बन गई थी। लोग बाइक खरीदने की जदग पर इसे लेने की बाते करने लगे थे। वहीं, यह एक लाख रुपये में कई फीचर्स के साथ आने वाली दुनिया की सबसे सस्ती कार बन गई थी।

2019 में बंद हो गया उत्पादन

साल 2009 में भारत की सड़कों पर उतरने के बाद इसकी रफ्तार 2019 आते-आते बहुत ही धीमी हो गई। हालत यह हो गई कि 2019 के पहले नौ महीनों में एक भी टाटा नैनो की बिक्री नहीं बनाई गई। उस पुरे साल इस कार की केवल एक ही यूनिट बिकी थी। टाटा नैनो की सेल पूरी तरह से गिरने के बाद इसके उत्पादन को बंद कर दिया गया।

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जब रतन टाटा ने स्वीकारी नैनो की गलत मार्केटिंग

टाटा नैनो साल 2008 में लॉन्च हुई थी। इसके लॉन्च के समय रतन टाटा ने यह स्वीकार किया था कि स्टील टायर और अन्य पार्ट्स जैसे बढ़ते इनपुट लागत नैनो की कीमत को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन उसके बाद भी वह 1 लाख रुपये से कम कीमत वाली सबसे सस्ती कार देने के लिए प्रतिबद्ध रहे। रतन टाटा ने कहा था कि जब हमने इसे चार साल पहले इसपर काम करना शुरू किया था, तब हम सभी जानते थे कि इनपुट की कीमतों में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है। मैं आज यह घोषणा करना चाहता हूं कि मानक कार की डीलर कीमत वास्तव में केवल 1 लाख रुपये होगी... वादा तो वादा होता है और यही हम आपको देना चाहते हैं।"