इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम की अहम भूमिका, जानिए कैसे करती है काम
सेंसर बैटरी के प्रत्येक सेल का तापमान और उसकी सेहत को लगातार मापते रहते हैं। यदि किसी सेल का तापमान असामान्य रूप से बढ़ता है तो सेंसर उसे पकड़ लेते हैं। बैटरी में समस्या होने पर ईवी की स्क्रीन और उससे अटैच मोबाइल की स्क्रीन पर चेतावनी आ जाती है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) का किसी भी बैटरी पैक में अहम रोल होता है। बीएमएस के माध्यम से ही सारे बैटरी सेल्स एक साथ परफॉर्म करके पॉवर जेनरेट करते हैं, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल चलने लगती है। इस खबर में आपको बताएंगे क्या होता है बीएमएस सिस्टम और कैसे करता है ये काम के बारे में।
क्या होता बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम ?
बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के ऑपरेशन के दौरान बैटरी के परफॉरमेंस और उसकी लाइफ को बढ़ाने के लिए यह बैटरी के अंदर होने वाली प्रतिक्रियाओं की भी समीक्षा करती है जिसके अंतर्गत स्टेट ऑफ़ हेल्थ, स्टेट ऑफ़ चार्ज , स्टेट ऑफ़ फंक्शन, चार्ज एक्सेप्टेन्स इत्यादि शामिल हैं। बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम की वजह से पूरे बैटरी सेल्स की निगरानी की जाती है।
बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम का काम
इस तकनीक में बैटरी के अंदर सेंसर लगाए जाते हैं। सेंसर बैटरी के प्रत्येक सेल का तापमान और उसकी सेहत को लगातार मापते रहते हैं। यदि किसी सेल का तापमान असामान्य रूप से बढ़ता है, तो सेंसर उसे पकड़ लेते हैं। बैटरी में समस्या होने पर ईवी की स्क्रीन और उससे अटैच मोबाइल की स्क्रीन पर चेतावनी आ जाती है।
बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम का ये है काम
- बैटरी की मॉनिटरिंग करना
- बैटरी को प्रोटेक्शन देना
- बैटरी को एक निश्चित तापमान पर मेंटेन रखना
- बैटरी की परफॉर्मेंट को ऑप्टमाइज करना
- ईवी में लगे मोटर को पॉवर देना
- हर एक सेल्स को मॉनिटर करना