तेजी से बढ़ रही भारत की ऑटो इंडस्ट्री, क्या चीन और अमेरिका को छोड़ पाएगी पीछे?
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे के जरिये लाजिस्टिक लागत कम करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अगर हम किसानों की क्रय शक्ति बढ़ा सके तो इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। पिछले साल भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आटोमोबाइल बाजार बन गया था।
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि अगले पांच साल में भारत की लाजिस्टिक लागत (माल ढुलाई लागत) एक अंक में आ जाएगी। 'डेलाइट गवर्नमेंट समिट' को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि मंत्रालय कई राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहा है, जिससे भारत की लाजिस्टिक लागत कम करने में मदद मिलेगी।
मुझे विश्वास है कि पांच साल के भीतर हमारी लाजिस्टिक्स लागत एक अंक में आ जाएगी।
नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री
आटोमोबाइल उद्योग को नंबर एक बनाना लक्ष्य
आर्थिक थिंक टैंक नेशनल काउंसिल आफ एप्लाइड इकोनमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के अनुमानों के अनुसार, भारत में लाजिस्टिक्स लागत 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद के 7.8 प्रतिशत से 8.9 प्रतिशत के बीच थी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने आगे कहा कि उनका लक्ष्य भारतीय आटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है।
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भारत जापान को हमने पीछे छोड़ा
उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आटोमोबाइल बाजार बन गया था। अब वह केवल अमेरिका और चीन से पीछे है। उनके अनुसार, भारत के आटोमोबाइल उद्योग का आकार 2014 में 7.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है। भारत की व्यापक अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।