1983 में शुरू हुआ सफर, 2024 तक बना दीं 3 करोड़ से ज्यादा गाड़ियां; Suzuki के लिए लकी साबित हुआ भारतीय बाजार
Maruti Suzuki ने उत्पादन शुरू करने के सिर्फ 11 साल बाद 1994 तक 10 लाख यूनिट उत्पादन का माइलस्टोन हासिल कर लिया था। शुरुआत में Maruti 800 मॉडल द्वारा संचालित किया गया था जिसे अक्सर उस मॉडल के रूप में देखा जाता है जिसने निजी कार खरीदारों के बीच एक क्रांति ला दी। कंपनी ने इंडियन मार्केट में 3 करोड़ यूनिट प्रोडक्शन का आंकड़ा पार कर लिया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। Maruti Suzuki India ने घरेलू बाजार में 3 करोड़ यूनिट प्रोडक्शन का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने दिसंबर 1983 में उत्पादन प्रक्रिया शुरू की थी और इस माइलस्टोन तक पहुंचने में मारुति को 40 साल और 4 महीने लग गए।
Maruti 800 रही गेम चेंजर
मारुति सुजुकी ने उत्पादन शुरू करने के सिर्फ 11 साल बाद 1994 तक 10 लाख यूनिट उत्पादन का माइलस्टोन हासिल कर लिया था। शुरुआत में Maruti 800 मॉडल द्वारा संचालित किया गया था, जिसे अक्सर उस मॉडल के रूप में देखा जाता है जिसने निजी कार खरीदारों के बीच एक क्रांति ला दी।
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कंपनी अप्रैल 2005 में एक करोड़ उत्पादन के आंकड़े तक पहुंची और इसके बाद जुलाई 2018 में दो करोड़ का आंकड़ा छू लिया है। मारुति सुजुकी ने इस साल अगले एक करोड़ (कुल मिलाकर तीन करोड़) वाहनों का उत्पादन पूरा कर लिया।
कहां हुआ कितना प्रोडक्शन?
आंकड़ों की बात करें, तो 3 करोड़ में से 2.68 करोड़ से अधिक वाहनों का निर्माण कंपनी की हरियाणा स्थित फैसिलिटी में किया गया, जबकि 32 लाख से अधिक वाहनों का उत्पादन मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी सुजुकी मोटर गुजरात में किया गया।
Maruti 800 ने 29 लाख से अधिक यूनिट का योगदान देकर इस माइलस्टोन तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा Alto 800, Alto K10, Swift, Wagon R, Dzire, Omni, Baleno, Eeco, Brezza और Ertiga ने भी बेहतरीन योगदान दिया है।
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