India-Myanmar-Thailand Highway: सड़क से तय होगा दिल्ली से बैंकॉक का सफर, नहीं करानी होगी फ्लाइट की टिकट
India-Myanmar-Thailand Trilateral Highway Update ये राजमार्ग भारत के मोरेह को म्यांमार के रास्ते मॅई सॉट थाईलैंड से जोड़ेगा। म्यांमार में इस Trilateral Highway का निर्माण दो खंडों में किया जाएगा। इसमें कालेवा-यागयी सड़क खंड का निर्माण 120.74 किमी और तामू-क्यिगोन-कालेवा (टीकेके) सड़क खंड का निर्माण 149.70 किमी तक होगा। ये महत्वाकांक्षी परियोजना आसियान-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र के साथ-साथ शेष दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगी।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Fri, 21 Jul 2023 06:17 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्र सरकार द्वारा देश से लेकर विदेशों तक सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। ऐसे में भारत-म्यांमार-थाईलैंड (आईएमटी) त्रिपक्षीय राजमार्ग भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। India-Myanmar-Thailand Trilateral Highway का मुख्य उद्देश्य जमीने रास्ते से दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के लिए द्वार खोलना और तीन देशों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
इसके शुरू हो जाने बाद माल(Goods) और लोगों की आवाजाही के लिए एक निर्बाध सड़क नेटवर्क बनाकर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ा जा सकेगा। आइए इसके अब तक के डेवलपमेंट के बारे में जान लेते हैं।
India Trilateral Highway का कितना हुआ कंस्ट्रक्शन
THL भारत के मोरेह को म्यांमार के रास्ते मॅई सॉट, थाईलैंड से जोड़ेगा। म्यांमार में इस Trilateral Highway का निर्माण दो खंडों में किया जाएगा। इसमें कालेवा-यागयी सड़क खंड का निर्माण 120.74 किमी और तामू-क्यिगोन-कालेवा (टीकेके) सड़क खंड का निर्माण 149.70 किमी तक होगा। इसके साथ ही म्यांमार में 69 पुलों का निर्माण किया जाएगा। इन दोनों ही परियोजनाओं को भारत सरकार द्वारा म्यांमार को अनुदान सहायता के तहत वित्त पोषित किया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को तकनीकी निष्पादन एजेंसी और परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। ये चार लेन का राजमार्ग होगा, जो लगभग 1,360 किमी (850 मील) लंबा होने वाला है। अब तक हुए डेवलपमेंट की बात करें तो India Trilateral Highway के कई खंड पूरे हो चुके हैं और पूरे मार्ग को अंतिम रूप देने का काम जारी है।
राजमार्ग के निर्माण में भाग लेने वाले देशों में सड़कों, पुलों और संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2019 तक सड़कों को चालू करना था। हालांकि, निर्माण में देरी हुई क्योंकि म्यांमार हिंसा की चपेट में है और इसलिए निर्माण संभव नहीं था।