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भारत में पिछले वित्त वर्ष 2.7 करोड़ वाहनों का हुआ निर्माण, देश में इन गाड़ियों की रही सबसे ज्यादा डिमांड

भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने विभिन्न सेंगमेंट और प्रकारों में 2.7 करोड़ वाहनों का उत्पादन किया जिनकी कीमत वित्त वर्ष 2023 में लगभग 108 बिलियन अमेरिकी डॉलर (8.7 लाख करोड़ रुपये) थी जिसमें पैसेंजर वाहन सेगमेंट का कुल मूल्य 57 प्रतिशत यानी 5 लाख करोड़ रुपये था। रिपोर्ट के अनुसार पैसेंजर वाहन सेगमेंट में मध्य आकार और पूर्ण आकार की एसयूवी का मूल्य आधे से अधिक है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 28 Jun 2023 04:10 PM (IST)
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India produces 2 crore and 7o lakh vehicles valued at USD 108 bn in FY23
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। भारतीय ऑटोमोटिव बाजार हाल ही में जापान को पछाड़कर दुनिया का तीसरी सबसे बड़ा मार्केट बन गई है। हाल ही में पोस्ट-कोविड समय के बाद अधिकांश सेगमेंट में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि इतनी अधिक हुई है कि देश में लगभग सभी ऑटो निर्माता की बिक्री में तेजी देखी जा रही है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में ये आंकड़ा सामने आया है। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।

SUV कारों का सबसे ज्यादा योगदान

भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने विभिन्न सेंगमेंट और प्रकारों में 2.7 करोड़ वाहनों का उत्पादन किया, जिनकी कीमत वित्त वर्ष 2023 में लगभग 108 बिलियन अमेरिकी डॉलर (8.7 लाख करोड़ रुपये) थी, जिसमें पैसेंजर वाहन सेगमेंट का कुल मूल्य 57 प्रतिशत यानी 5 लाख करोड़ रुपये था।

इसके अलावा, पिछले वित्त वर्ष में कुल 2.7 लाख करोड़ वाहनों में 2 टन से कम क्षमता वाले कॉमर्शियल वाहन, छोटे 4-पहिया वाहक से लेकर बड़े ट्रैक्टर ट्रेलर और टिपर जैसे विशेष वाहन शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनकी हिस्सेदारी 10 लाख वाहन थी। प्रबंधन परामर्श सेवा फर्म प्राइमस पार्टनर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इनसे 1.7 लाख करोड़ रुपये का मूल्य उत्पन्न हुआ है।

सेडान और मिनी कार ने किया निराश

प्राइमस पार्टनर्स द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सीवी सेगमेंट की कुल मात्रा में 4 प्रतिशत और मूल्य के संदर्भ में 19 प्रतिशत हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के अनुसार दोपहिया वाहनों का उत्पादन चीन से काफी मेल खाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश में से 20 मिलियन दोपहिया वाहनों को रोलआउट किया जाता है, जो वॉल्यूम हिस्सेदारी का 77 प्रतिशत है। इसका समग्र खंड में 1.8 लाख करोड़ रुपये का योगदान है, जो कुल वैल्यू का 21 प्रतिशत है।

रिपोर्ट के अनुसार, पैसेंजर वाहन सेगमेंट में मध्य आकार और पूर्ण आकार की एसयूवी का मूल्य आधे से अधिक है। इसमें कहा गया है कि कॉम्पैक्ट सब-सेगमेंट भी महत्वपूर्ण है और इसने मूल्य का 25 प्रतिशत योगदान दिया है और कहा कि लग्जरी सेगमेंट के वाहनों ने मूल्य में 63,000 करोड़ रुपये या सेगमेंट का 13 प्रतिशत योगदान दिया है।

हालांकि, यह नोट किया गया कि लोग सस्ती 'मिनी' कारों और सेडान को पसंद नहीं कर रहे हैं और वैल्यू में उनकी हिस्सेदारी कम है।

ईवी सेगमेंट से बड़ी उम्मीदें

रिपोर्ट में यह भी देखा गया है कि जहां भारतीय ईवी उद्योग चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे शीर्ष देशों से पीछे चल रहा है, वहीं भारत में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है, जो दृढ़ता से संकेत देता है कि देश अगले कुछ वर्षों में अपने ईवी सेगमेंट में उल्लेखनीय वृद्धि करने के लिए तैयार है। इसमें कहा गया है कि भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग अभूतपूर्व बदलावों के शिखर पर है, जिसमें कई कारक परिदृश्य को नया आकार दे रहे हैं।