लिथियम महत्वपूर्ण संसाधन श्रेणी में आता है। बीते दिनों देश में अनुमानित 5.9 मिलियन टन रिजर्व की खोज की गई थी। इसका इस्तेमाल करके भारत दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता देश बन सकता है। (फाइल फोटो)।
By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Fri, 24 Mar 2023 05:32 PM (IST)
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रही वाहनों की डिमांड और निर्यात के चलते गाड़ियों का प्रोडक्शन भी बढ़ रहा है। मौजूदा समय में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा वाहन निर्माता देश है। हाल ही में देश को प्रकृति की एक सौगात मिली है। इसके संबंध में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में मिले लिथियम रिजर्व का उपयोग करके भारत दुनिया का सबसे ज्यादा Electric Vehicle बनाने वाले देश बन सकता है।
ऐसे बनेंगे दुनिया में नंबर-1
गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारत हाल ही में जम्मू-कश्मीर में खोजे गए
लिथियम के भंडार का पूरा उपयोग कर लेता है तो यह दुनिया का नंबर एक वाहन निर्माता देश बन जाएगा. साथ ही उन्होने कहा कि इलेक्ट्रिक बस देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भविष्य हैं। अब तक देश में हर साल 1,200 टन लिथियम आयात किया जाता था। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा रियासी जिले में लिथियम के अनुमानित 5.9 मिलियन टन रिजर्व की खोज की गई थी। अगर देश में मिले लिथियम रिजर्व का उपयोग कर लिया जाएगा तो भारत विश्व का सबसे बड़ा वाहन बाजार बन जाएगा।
ऑटो सेक्टर भरता है सबसे ज्यादा GST
गडकरी के अनुसार, वर्तमान में भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपये का है। सरकार को सबसे ज्यादा GST इस क्षेत्र से ही मिलती है। हाल ही में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा लिथियम के अनुमानित 5.9 मिलियन टन रिजर्व की खोज की गई थी। इसके बाद ईवी निर्माण में काफी बढ़ोतरी होने वाली है। जिसके चलते सरकार को भी लाभ होने वाला है।
क्या होता है लिथियम
लिथियम महत्वपूर्ण संसाधन श्रेणी में आता है। इसे बैटरी और सोलर पैनल के निर्माण में उपयोग किया जाता है। भारत में ये पहले उपलब्ध नहीं था। लिथियम को पूरी तरह से आयात किया जाता था। अब देश में लिथियम रिजर्व भारी मात्रा में मौजूद है, बस इसके इस्तेमाल किए जाने की देरी है।