33 साल बाद बंद हुई Maruti Suzuki Gypsy, जानें क्यों थी भारतीय सेना की पसंदीदा कार
भारतीय सेना ने Maruti Suzuki Gypsy का सॉफ्ट टॉप वर्जन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया है जिसका वजन मात्र 989 किलोग्राम है। वहीं इसके हार्ड टॉप का वजन 1020 किलोग्राम है
By Ankit DubeyEdited By: Updated: Wed, 06 Mar 2019 08:20 AM (IST)
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki ने भारत में अपनी Gypsy SUV को बंद कर दिया है। कंपनी ने ये दो दरवाजों वाली ऑफ-रोडर भारत में सबसे पहले 1985 में लॉन्च की थी और यह सबसे बिकने वाले मॉडल में से एक रहा है। बता दें यह एसयूवी भारतीय सेना की पहली पसंद वाली कार मानी जाती है। बताया जाता है कि सेना ने 31 हजार Maruti Gypsy को खरीदी।
क्यों हुई बंद?Maruti Suzuki Gypsy भारत में 33 साल पहले आई थी और इसका दूसरा जनरेशन भी समान अवतार में अब तक बेचा गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस एसयूवी का तीसरा जनरेशन मॉडल 1998 में आया और इसके पिछले साल ही इसका चौथा जनरेशन मॉडल उतारा गया। कंपनी ने भारत में जिप्सी को अपडेटेड क्रैश टेस्ट के चलते और BS6 नॉर्म्स के चलते बंद किया है। इसका मतलब है कि यह प्रतिष्ठित मॉडल के लिए सड़क का अंत है जो न केवल नागरिकों को बेचा गया है, बल्कि सशस्त्र बलों को भी बेची गई है।
क्यों थी भारतीय सेना की पहली पसंद?
भारतीय सेना ने Gypsy का सॉफ्ट टॉप वर्जन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया है, जिसका वजन मात्र 989 किलोग्राम है। वहीं, इसके हार्ड टॉप का वजन 1020 किलोग्राम है। बता दें जिप्सी का कम वजन इसे आक्रामक और मश्किल रास्तों पर चलने के लिए आसान बनाता है। इतना ही नहीं हल्के वजन के चलते इसे कम पावर वाले हेलिकॉप्टर या एयरक्राफ्ट की मदद से आसानी से ऊंचाई वाली जगहों पर पहुंचाया जा सकता है। भारी एसयूवी की तुलना में इसे रेगिस्तान, कीचड़ और बर्फीले वाले रास्तों पर आसानी से चलाया जा सकता है। इसके अलावा यह 500 किलोग्राम तक का भार ढोने की क्षमता रखती थी। सेना के दूरदराज के इलाकों में आमतौर पर रोजाना हथियार और राशन लेकर आना-जाना इसी एसयूवी से होता था। यह अपने वजन से आधे से भी ज्यादा भार उठाने की क्षमता रखती थी इसलिए यह भारतीय सेना की पसंद भी बनी हुई थी।
Maruti Gypsy की पावर स्पेसिफिकेशन्सMaruti Gypsy को सबसे पहले 970 cc F10A फोर-सिलेंडर पेट्रोल इंजन के साथ लॉन्च किया गया। इसके बाद इसमें अपग्रेडेड 1.3 लीटर फोर-सिलेंडर पेट्रोल इंजन दिया गया। यह मोटर 16-वाल्व की थी जो कि 6000 rpm पर 80 bhp की पावर और 4500 rpm पर 103 Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इंजन 5-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है। इसमें डीजल इंजन की कमी थी लेकिन इसके बावजूद यह भारतीय सड़कों पर अच्छा रिस्पांस देती रही है। इसकी कीमत 6.22 लाख रुपये (एक्स शोरूम दिल्ली) थी और यह सॉफ्ट टॉप और हार्ड टॉप दोनों वर्जन में उपलब्ध थी।
यह भी पढ़ें:
इन 8 गलतियों की वजह से मिनटों में कट सकता है चालान, हो सकती है जेल
Royal Enfield की बुलेट मात्र इतने रुपये खर्च करके बनाएं सुरक्षित, दिखेगी ज्यादा
Royal Enfield की बुलेट मात्र इतने रुपये खर्च करके बनाएं सुरक्षित, दिखेगी ज्यादा