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FY24 में भारतीय ऑटो इंडस्ट्री में 9.8% वृद्धि; चेसिस, सस्पेंशन और ब्रेकिंग हुए सबसे ज्यादा निर्यात

ACMA ने एक रिपोर्ट जारी किया है। जिसके मुताबित वित्त वर्ष 2023-24 में ऑटोमोटिव कंपोनेंट इंडस्ट्री के कारोबार में 9.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने के लिए मिली है। हम यहां पर बता रहे हैं कि इस बढ़ोतरी के पीछे का कारण क्या है और वित्त वर्ष 25 में गाड़ियों के निर्यात का क्या हाल है। आइए विस्तार में इसके बारे में जातने हैं।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Sun, 28 Jul 2024 07:30 PM (IST)
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वित्त वर्ष 2024 में भारतीय ऑटो कंपोनेंट उद्योग में 9.8% की वृद्धि।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि भारत के ऑटोमोटिव कंपोनेंट इंडस्ट्री के कारोबार में वित्त वर्ष 2023-24 में 9.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही ACMA की अध्यक्ष और सुब्रोस की CMD श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा कि वाहन उत्पादन में वृद्धि के अलावा, कंपोनेंट क्षेत्र से उच्च मूल्य संवर्धन ने ऑटो कंपोनेंट क्षेत्र में भी बढ़ोतरी देखने के लिए मिली है।

वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में निर्यात हुआ धीमा

मारवाह ने आगे कहा कि भारत से कुल व्यापारिक निर्यात में वित्त वर्ष 24 में गिरावट देखने के लिए मिल रही है। वहीं, भू-राजनीतिक चुनौतियों और लॉजिस्टिक्स के लागत में वृद्धि के बावजूद ऑटो कंपोनेंट निर्यात में बढ़ोतरी देखने के लिए मिली है। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में खराब मौसम की स्थिति और चुनावों के कारण वाहनों की बिक्री में कुछ हद तक धीमी वृद्धि देकने के लिए मिली है।

एक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत के ऑटो कंपोनेंट विनिर्माण उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ACMA ने वित्त वर्ष 2023-24 की अपनी समीक्षा में कहा कि वर्ष के दौरान कारोबार 6.14 लाख करोड़ (USD 74.1 बिलियन) रहा। उम्मीद लगाई जा रही है कि ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री 2024-25 में अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखेगी।

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इन कारणों से हुई वृद्धि

ACMA की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय मार्केट में OEM की ऑटो कंपोनेंट की बिक्री ₹5.18 लाख करोड़ रही, जो पिछले साल की तुलना में 8.9 बढ़ी है। जिसके पीछे का कारण इसकी खपत में वृद्धि, स्थानीयकरण पर जोर और शक्तिशाली वाहनों के प्रति बाजार की प्राथमिकता में बदलाव है। इनकी वजह से गाड़ियों के निर्यात में 2023-24 में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि देखने के लिए मिली थी। इसमें उत्तरी अमेरिका में 32 फीसदी, यूरोप में 33 फीसद और एशिया में 24 प्रतिशत तक का योगदान रहा।

इन चीजों का हुआ सबसे ज्यादा निर्यात

प्रमुख निर्यात वस्तुओं में ड्राइव ट्रांसमिशन और स्टीयरिंग, इंजन घटक, बॉडी और चेसिस, सस्पेंशन और ब्रेकिंग सिस्टम शामिल थे।

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