2022 तक भारत की सड़कों पर दिखेंगे लाखों इलेक्ट्रिक वाहन
इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर निर्माता कंपनियों के साथ अब सरकारें भी गंभीर हो चुकी हैं। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अब इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने लगी है
By Shridhar MishraEdited By: Updated: Mon, 22 Oct 2018 09:24 AM (IST)
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर निर्माता कंपनियों के साथ अब सरकारें भी गंभीर हो चुकी हैं। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अब इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ने लगी है। ऐसे में सरकार के सामने दो सबसे बड़ी चुनौतियां है पहली- इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरा स्किल डेवलेपमेंट। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत के कई राज्यों में सरकारों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर अपनी रणनीति और पॉलिसी पर काम करना शुरू कर दिया है। डालते हैं एक नजर,
दिल्ली
दिल्ली सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि दिल्ली परिवहन मंत्रालय का एक प्रतिनिधि-मंडल NCR में इलेक्ट्रिक बसों को कैसे उतारा जाए इस पर काम करेगा। इस प्रतिनिधि-मंडल को चीन में इलेक्ट्रिक बसों के इको-सिस्टम को समझने के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह टीम कई इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के साथ संपर्क में है।केरल
केरल सरकार ने हाल ही में बताया है कि उसका लक्ष्य राज्य में 10 लाख इलेक्रिस क वाहन को साल 2022 तक सड़कों पर उतारना है। सरकार 2 लाख दो-पहिया, 50 हजार तीन-पहिया, 1हजार माल ढुलाई, 3 हजार बसें और 100 इलेक्ट्रिक बोट्स को 2020 तक जमीन पर उतारेगी।
सरकार ने अपनी इस परियोजना की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, पॉलिसीज और रेग्युलेशन्स बनाने को लेकर काम कर रही है। इसके साथ इस परियोजना के लिए स्किल डेवलपमेंट को लेकर भी खांका तैयार किया जा रहा है।महाराष्ट्र
इस साल फरवरी महीने में महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी को लेकर अपनी सहमति दी है। इसके लिए अब मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर और कंज्यूमर को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। सरकार की इस पॉलिसी में अगले पांस साल में 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन को सड़कों पर उतारने का लक्ष्य है।
इस पॉलिसी में इलेक्ट्रिक वाहन पर जीरो रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन चार्जेस के साथ सरकार पहले 1 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों पर 15 फीसद की सब्सिडी दे सकती है।उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार ने इसी साल इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर एक बड़ी पॉलिसी लागू की है, जिसमें सरकार का लक्ष्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाना है। सरकार का लक्ष्य राज्य को इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का है। इस परियोजना के लिए सरकार अलग से जमीन देगी, जिसपर अगले 15 सालों तक किसी भी तरह का दूसरा काम नहीं होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग के अलावा सरकार इन वाहनों के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी 2018 के तहत सरकार का लक्ष्य राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का बनाना है। इसके लिए सरकार जरूरी सुविधाओं के साथ-साथ जमीन भी मुहैया कराएगी। इस परियोजना के लिए IIT कानपुर की भी मदद ली जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन पर सरकार 100 फीसद का रोड टैक्स माफ करेगी।कर्नाटक
कर्नाटक भारता पहला ऐसा राज्य है जहां एक निर्धारित इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी है। यहां दूसरे राज्यों के मुकाबले पहले ही इनेक्ट्रिक वाहन को भविष्य माना गया है। इलेक्ट्रिक वाहन को बनाने और खरीदने के लिए बढ़ावा देने के साथ यहां सरकार की तरफ से राज्य में दूसरे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स भी दिए गए हैं। इनमें, 640 EVs, 40 इलेक्ट्रिक बस, 100 चार पहिया और 500 तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। पॉलिसी में चार्जिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की बात भी कही गई है जिसके लिए बेंगलुरु इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी (BESCOM) को इस काम का जिम्मा सौंपा गया है।
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