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स्टॉक में मौजूद हैं 50,00,000 ISI हेल्मेट, फिर भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं नकली हेल्मेट

विभिन्न शहरों में हेल्मेट की कमी की अफवाहों का खंडन करते हुए राजीव कपूर ने कहा कि भारतीय हेल्मेट इंडस्ट्री तेजी से एक बड़े बदलाव के मोड पर है

By Ankit DubeyEdited By: Updated: Thu, 03 Oct 2019 09:18 AM (IST)
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स्टॉक में मौजूद हैं 50,00,000 ISI हेल्मेट, फिर भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं नकली हेल्मेट
नई दिल्ली, (ऑटो डेस्क)। विभिन्न शहरों में हेल्मेट की कमी की अफवाहों का खंडन करते हुए, टू व्हीलर हेल्मेट मैन्यूफैक्चर्सर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट, राजीव कपूर ने कहा कि भारतीय हेल्मेट इंडस्ट्री तेजी से एक बड़े बदलाव के मोड पर है और उत्पादन में 3-4 गुणा से अधिक की वृद्धि हुई है ताकि आ रही मांग को पूरा किया जा सके। नए मोटर वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद इंडस्ट्री द्वारा हेल्मेट की मांग में काफी तेज वृद्धि देखी जा रही है और हम मांग को पूरा करने के लिए अच्छी तरह तैयार हैं। इतना ही नहीं स्टॉक में करीब 50 लाख ISI हेल्मेट मौजूद हैं।

कपूर ने आगे कहा "इंडस्ट्री हेल्मेट की बढ़ती मांग को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है और फिलहाल 400,000 से अधिक आईएसआई हेल्मेट का निर्माण किया जा रहा है और बाजार में हर दिन इनकी आपूर्ति की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खरीदारों के बीच कोई घबराहट न हो और सभी को अच्छी गुणवत्ता वाला हेल्मेट उनकी जेब के लिए अनुकूल कीमतों पर मिले।"

कपूर ने कहा कि "हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हेल्मेट को समय पर वितरित किया जाना चाहिए और विभिन्न खुदरा विक्रेताओं और वितरकों के माध्यम से लोगों के लिए हर नजर और कोने में उपलब्ध है। रिटेल आउटलेट्स के अलावा, हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि हेल्मेट को ग्राहकों के पास उनके घर दरवाजे पर पहुंचाया जाए क्योंकि प्रमुख ब्रांडों ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों के साथ रियायती मूल्य पर सही उत्पाद प्रदान करने के लिए करार किया है। हालांकि, सबसे अधिक चिंता की बात ये है कि नकली हेल्मेट की बिक्री में भी उतनी ही तेजी है। इसलिए, हम टू-व्हीलर वाहन सवारों को ब्रांडेड आईएसआई प्रमाणित हेल्मेट ही पहनने के लिए जागरूक कर रहे हैं, जो मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार अनिवार्य है।"

हालांकि आईएसआई हेल्मेट पहनने के संबंध में आम लोगों में काफी अधिक जागरूकता है, लेकिन अभी भी समाज का एक बड़ा वर्ग स्थानीय और नकली हेल्मेट को पहन कर ही वाहन चला रहा है। ये चिंता का एक बड़ा कारण है और सरकार को टू व्हीलर के जीवन की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि वे सड़क हादसों के दौरान सुरक्षित रहें।