EV की रेंज एन्जॉयटी होगी दूर, जानें बैटरी स्वैपिंग करवाने से ईवी यूजर्स को कितना मिलता है फायदा?
हर चार-पांच किलोमीटर पर बैट्री स्वैपिंग सेंटर होने पर लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएंगे। सूत्रों के मुताबिक सभी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी अपने स्वैपिंग सेंटर लगाएंगे या फिर सिर्फ बैट्री स्वैपिंग का काम करने वाली कंपनियां निर्माता कंपनियों के लिए बैट्री स्वैपिंग सेंटर विकसित कर सकती है। बैट्री स्वैपिंग सेंटर को चलाने के लिए बहुत अधिक जगह की जरूरत नहीं होगी।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस जगह-जगह दिखने शुरू हो चुके हैं। इन स्वैपिंग स्टेशंस को अधिकतर डिलीवरी या फिर इलेक्ट्रिक ऑटो टेक्सी ड्राइवर्स इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर आपके पास भी ईवी है या फिर भविष्य में खरीदने का विचार बना रहे हैं तो आपको बैटरी स्वैपिंग से हाने वाले फायदों के पता होना जरूरी है।
क्यों जरूरी हैं ये स्टेशंस?
डीजल या पेट्रोल डलवाने में महज कुछ से ही मिनटों का समय लगता है, जबकि एक Electric vehicle को चार्ज करने में कई घंटे का समय लगता है इसी समय अंतराल को कम करने के लिए बैटरी स्वैपिंग मशीन लाई गई है, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को अपनी डिस्चार्ज बैटरी को इस मशीन के माध्यम से चार्ज बैटरी से स्वाइप करने में मदद देती है।
बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस के फायदे?
मान लिजिए आपके पास ईवी है और आपकी ईवी चार्ज नहीं है और आपके पास उसको चार्जल करने के लिए ज्यादा समय भी नहीं है तो आपके लिए बैटरी स्वैपिंग स्टेशन सबसे काम की चीज साबित होगी। इसकी मदद से आप खाली बैटरी को चार्ज बैटरी से बदल सकते हैं। ऐसा करने में आपको 5-10 मिनट का केवल समय लगेगा। हालांकि, चार पहिया वाहनों के लिए ये स्टेशंस किसी काम के नहीं है। वहीं फिक्ड बैटरी पैक के साथ आने वाली कोई भी व्हीकल इस स्टेशन का फायदा नहीं उठा सकती है।
भारत में बैटरी स्वैपिंग स्टेशंस का भविष्य?
हर चार-पांच किलोमीटर पर बैट्री स्वैपिंग सेंटर होने पर लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाएंगे। सूत्रों के मुताबिक सभी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी अपने स्वैपिंग सेंटर लगाएंगे या फिर सिर्फ बैट्री स्वैपिंग का काम करने वाली कंपनियां निर्माता कंपनियों के लिए बैट्री स्वैपिंग सेंटर विकसित कर सकती है। बैट्री स्वैपिंग सेंटर को चलाने के लिए बहुत अधिक जगह की जरूरत नहीं होगी। इसलिए किराना स्टोर, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप जैसी किसी भी जगह छह मीटर की जगह में बैट्री स्वैपिंग मशीन रखी जा सकती है। यह मशीन एटीएम मशीन की तरह होती है, जिसमें एक साथ छह से आठ चार्जड बैट्री रखी जाती है। बैट्री स्वैपिंग के दौरान चार्जड बैट्री को निकाल कर उसमें डिस्चार्ज बैट्री लगा दी जाती है। बंगलुरू में बैट्री स्वैपिंग का काम कर रही है।
देश में स्वैपिंग स्टेशन की भी शुरुआत हो गई है। जिसे वाहन चालकों को स्मार्ट कार्ड से एटीएम की तर्ज पर खाली बैटरी के बदले फुल चार्ज बैटरी मिल सकेगी। बैटरी स्वैपिंग की सुविधा फिलहाल व्यावसायिक वाहन जैसे टु व्हीलर और थ्री व्हीलर के लिए ही शुरू की गई है। भविष्य में चार पहिया वाहनों को भी स्वैपिंग की सुविधा मिल सकेगी ऐसी व्यवस्था की जाएगी। स्वैपिंग स्टेशन पर पर पंजीकृत वाहनों को तय शुल्क के बदले नई बैटरी दी जाएगी। साथ ही एक स्मार्ट कार्ड भी दिया जाएगा।