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Audi India लोकल प्रोडक्शन पर करेगी फोकस, घरेलू बाजार में किफायती EVs बेचने का प्लान

Audi India की ओर से EVs की लोकल असेंबली शुरू करने का प्लान किया जा रहा है। ऑटोमेकर वर्तमान में इंडियन ऑटो मार्केट के अंदर Q8 50 e-tron Q8 55 e-tron Q8 Sportback 50 e-tron Q8 Sportback 55 e-tron e-tron GT और RS e-tron GT बेचती है। इनमें से अधिकतर कारें फिलहाल इम्पोर्ट की जाती हैं। आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

By Agency Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Tue, 19 Mar 2024 03:00 PM (IST)
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Audi India लोकल प्रोडक्शन पर फोकस करेगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। लग्जरी कार निर्माता कंपनी Audi India की ओर से EVs की लोकल असेंबली शुरू करने का प्लान किया जा रहा है। कंपनी अपने इस कदम से देश में कस्टमर बेस का विस्तार कर सकेगी, क्योंकि गाड़ियों की लागत कम होने वाली है। आइए, पूरे प्लान के बारे में जान लेत हैं।

 Audi India की फ्लीट 

ऑटोमेकर वर्तमान में इंडियन ऑटो मार्केट के अंदर Q8 50 e-tron, Q8 55 e-tron, Q8 Sportback 50 e-tron, Q8 Sportback 55 e-tron, e-tron GT और RS e-tron GT बेचती है। इनमें से अधिकतर कारें फिलहाल इम्पोर्ट की जाती हैं। हालांकि, कंपनी अपनी औरंगाबाद (महाराष्ट्र) स्थित फैसिलिटी में Q3, Q3 Sportsback, Q5, Q7, A4 और A6 जैसे पेट्रोल मॉडल को असेंबल करती है।

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लोकल असेंबली पर जोर 

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि ईवी की लोकल मैन्युफैक्चरिंग डेवलपमेंट में है और इसके लिए ग्लोबल हेडक्वॉर्टर से सक्रिय रूप से चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा-

हम Audi AG के साथ बहुत सकारात्मक रूप से काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि किसी समय हम इसकी (ईवी मॉडलों की स्थानीय असेंबली) घोषणा करने में सक्षम होंगे।

प्रक्रिया शुरू होने की अपेक्षित समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर, ढिल्लों ने कोई विशेष तारीख साझा नहीं की, लेकिन कहा कि इंडिया यूनिट ग्लोबल हेडक्वॉर्टर साथ इस मामले पर बहुत "सकारात्मक" चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि किसी समय हमारे पास कुछ समाधान होगा। यही वह समय है जब आप और भी अधिक (ग्राहकों के समूह) तक पहुंच सकते हैं, क्योंकि तब आपको प्राइस प्वॉइंट के मामले में सबसे अच्छा लाभ मिलेगा।"

कैसे घटेगी कीमत?

वर्तमान में, भारत में पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) के रूप में आयात की जाने वाली कारों पर 60 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगता है। देश की सीमा शुल्क प्रणाली इलेक्ट्रिक कारों और हाइड्रोकार्बन-संचालित वाहनों के साथ समान व्यवहार करती है घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण टैरिफ लगाती है। वैश्विक स्तर पर ऑडी अगले 2-3 वर्षों में कई इलेक्ट्रिक मॉडल पेश करने पर विचार कर रही है, जिनमें से कई भारत में भी आएंगे, जिससे भारतीय परिचालन को यह चुनने में मदद मिलेगी कि किसे स्थानीय बनाना है।

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