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महिंद्रा-फॉक्‍सवैगन करने जा रही पार्टनरशिप, करेंगी ICE और EV का निर्माण

भारतीय और ग्लोबल मार्केट के लिए इलेक्ट्रिक SUV पर ध्यान केंद्रित करने के लिए फॉक्‍सवैगन ग्रुप और महिंद्रा के बीच पार्टनरशिप होने जा रही है। इसके तहत फॉक्‍सवैगन ग्रुप भारत में अपने पैर जमाने की कोशिश करेगा। इससे महिंद्रा के इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। महिंद्रा इससे पहले भी कई विदेशी कंपनियों से पार्टनरशिप कर चुकी है।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Fri, 30 Aug 2024 07:00 PM (IST)
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महिंद्रा फॉक्‍सवैगन ग्रुप की 50:50 पार्टनरशिप होगी।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। महिंद्रा ऑटो और स्कोडा ऑटो वोक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच इलेक्ट्रिक एसयूवी डेवलप करने को लेकर 50:50 साझेदारी हुई है। अभी तक इसकी अटकलों की पुष्टि नहीं हूई थी, लेकिन एक रिपोर्ट में महिंद्रा ऑटो के साथ स्कोडा की संभावित 50:50 साझेदारी के बारे में बताया गया है। आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या कहा गया है।

महिंद्रा वोक्सवैगन ग्रुप की 50:50 पार्टनरशिप

जर्मनी की व्हीकल निर्माता कंपनी वोक्सवैगन भारत में अपने कारोबार को करीब 50 फीसद तक बेचने की खबरें आ रही थी। जिस पर अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन एक नई रिपोर्ट में महिंद्रा के साथ इसकी 50:50 पार्टनरशिप होने का दावा किया गया है। जिसे देखते हुए कहा जा रहा है कि यह दोनों कंपनियों की तरफ इसपर बातचीत चल रही है।

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इलेक्ट्रिक वाहनों को किया जाएगा डेवलप

इसके बारे में स्कोडा ऑटो ग्लोबल के सीईओ क्लॉस जेलमर के जरिए प्राग में एक प्रोग्राम में कुछ महीने के बाद सामने आया है कि कंपनी ने भारतीय  ऑटो निर्माता के साथ संभावित साझेदारी करने जा रही है। महिंद्रा और वोक्सवैगन दोनों ने आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वोक्सवैगन और महिंद्रा के बीच इस पार्टनरशिप के तहत भारतीय बाजार और निर्यात के लिए BEV और कुछ हद तक ICE वाहनों के डेवलप और बनाने की प्राथमिकता दी जाएगी।

महिंद्रा का इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो बढ़ेगा

यह पहली बार है जब महिंद्रा ग्लोबल कंपनी के साथ पार्टनरशिप करने जा रही है। महिंद्रा ने इससे पहले रेनॉल्ट, सैंगयोंग, फोर्ड और अब वोक्सवैगन के साथ पार्टनरशिप करने जा रही है। इस पार्टनरशिप से वोक्सवैगन को दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार में अपने पैर फैलाने के लिए मदद मिलेगी। इस पार्टनरशिप के तहत वोक्सवैगन को महिंद्रा के साथ लागत और तकनीक शेयर करने में थोड़ा जोखिम हो सकता है। इस पार्टनरशिप से महिंद्रा के इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।

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