Maruti Suzuki को सता रहा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की शॉर्टेज का डर, कम हो जाएगा गाड़ियों का प्रोडक्शन?
Maruti Suzuki का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में उसके उत्पादन की मात्रा प्रभावित हो सकती है। कंपनी ने बताया कि पिछले वर्ष भी इस समस्या का सामना करना पड़ा था फिर से वही स्थिति बनते हुए नजर आ रही है।( फाइल फोटो)।
नई दिल्ली ऑटो डेस्क। वाहन निर्माता कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके चलते गाड़ियों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ रहा है। हाल ही में देश की सबसे बढ़ी वाहन निर्माता कंपनी Maruti Suzuki ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में नई कारों के निर्माण के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति के लेकर कंपनी चिंतित है। क्या है पूरी खबर आइए जानते हैं।
सता रहा है इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की शॉर्टेज का डर
Maruti Suzuki का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में उसके उत्पादन की मात्रा प्रभावित हो सकती है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति की स्थिति अप्रत्याशित होने की वजह से वाहनों के उतपादन में फर्क पड़ सकता है। कंपनी ने बताया कि पिछले वर्ष भी इस समस्या का सामना करना पड़ा था, फिर से वही स्थिति बनते हुए नजर आ रही है। मारुति सुजुकी इंडिया ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, "चूंकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति की स्थिति अप्रत्याशित बनी हुई है, इसलिए वित्त वर्ष 2023-24 में भी उत्पादन की मात्रा पर इसका कुछ प्रभाव पड़ सकता है।"
घट गया वाहनों का उत्पादन
मारुति सुजुकी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी ने साल 2022-23 में रिकॉर्ड 19.22 लाख यूनिट का उत्पादन किया था। हालांकि, कंपनी पिछले वित्त वर्ष में कुल उत्पादन को 20 लाख यूनिट तक ले जाने के अपने लक्ष्य से पीछे रह गई। वहीं इस साल कंपनी के पैसेंजर व्हीकल और हल्के कॉमर्शियल व्हीकल का कुल उत्पादन 1,63,392 यूनिट से 6 प्रतिशत कम होकर 1,54,148 यूनिट ही रहा।
वहीं मार्च 2022 में 1,59,211 इकाइयों की तुलना में पिछले महीने कुल पैसेंजर व्हीकल का उत्पादन घटकर 1,50,820 रह गया। मार्च 2022 में मिनी और कॉम्पैक्ट कारों का उत्पादन 1,09,676 यूनिट से घटकर पिछले महीने 1,08,001 इकाई रह गया है।कंपनी ने कहा कि यूटिलिटी व्हीकल का उत्पादन मार्च 2022 में 36,249 यूनिट की तुलना में पिछले महीने घटकर 29,440 यूनिट रह गया।इसी तरह, कंपनी के हल्के कॉमर्शियल व्हीकल सुपर कैरी का विनिर्माण मार्च में घटकर 3,328 यूनिट रह गया। जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 4,181 इकाई था।