देश के सबसे लंबे Atal Setu Bridge में इस्तेमाल की गई है आधुनिक टेक्नोलॉजी, जानिए कैसे है ये सबसे अलग
Atal Setu Bridge को बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसे निर्मित करने के दौरान पारंपरिक रूप से इस्तेमाल होने वाली कंक्रीट डेक की बजाय डिजाइन स्टील बीम के नेटवर्क द्वारा समर्थित एक नालीदार स्टील प्लेट का यूज किया गया है। यह तरीका पुल का वजन कम करने में काम करता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
By Yogesh SinghEdited By: Yogesh SinghUpdated: Sun, 14 Jan 2024 03:00 PM (IST)
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सबसे लंबे पुल का उद्धाटन किया है। इस पुल को पूरी तरह से समुद्र के ऊपर बनाया गया है। इसका शिलान्यास साल 2016 में किया गया था और अब ये बनकर तैयार हुआ है। इस पुल को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें कई आधुनिकों तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। हम यहां इसी के बारे में बात करने वाले हैं।
रियल टाइम ट्रेफिक इन्फोर्मेंशन
इस पुल पर जगह-जगह डिस्प्ले लगाई गई हैं जो वाहन चालक को वास्तविक समय की यातायात जानकारी प्रदान करने का काम करती हैं। ये डिस्प्ले ड्राइवरों को पुल और आसपास की सड़कों पर यातायात की स्थिति और दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी देती हैं।
ईको फ्रेंडली लाइटिंग
पुल के तैयार करने के दौरान जो लाइटिंग की सुविधा यहां दी गई है। उसमें जरूरी चीजों का बारीकी से ख्याल रखा गया है। पुल की लाइट व्यवस्था में कम ऊर्जा वाली एलईडी रोशनी का उपयोग किया गया है जो जलीय पर्यावरण के लिए गैर-विघटनकारी होने के अनुकूल काम करता है।
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ओपन रोड टोलिंग सिस्टम
इस पुल पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह आधुनिक प्रणाली वाहनों को बिना रोके ही स्वचालित रूप से टोल एकत्र करने में सक्षम है। ऐसा टोल पर होने वाली वाहनों की भीड़ को कम करने के मकसद से किया गया है।