मोदी सरकार ऑटो इंडस्ट्री को दे सकती है एक और बूस्ट, दूर होगी सुस्ती
ऑटो सेक्टर में सुस्ती छाए हुए लंबा समय बीतता जा रहा है और ऐसे में इसे फिर से उभारने के लिए मोदी सरकार हर संभव कोशिश कर रही है
By Ankit DubeyEdited By: Updated: Fri, 30 Aug 2019 06:07 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। ऑटो सेक्टर में सुस्ती छाए हुए लंबा समय बीतता जा रहा है और ऐसे में इसे फिर से उभारने के लिए मोदी सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। ऐसे में केंद्र सरकार ऑटो सेक्टर के लिए एक और राहत पैकेज देने की योजना बना रही है। सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार अब वाहनों पर जीएसटी दरों में कटौती कर सकती है। बता दें, केंद्र सरकार को RBI से करीब 1.76 लाख करोड़ रुपये का फंड मिला है और ऐसे में सरकार इस फंड को बैंकों और ऑटो सेक्टर के हालात दुरुस्त करने में उपयोग कर सकती है।
ऑटो सेक्टर के अलावा केंद्र सरकार रियर एस्टेट, कपड़ा, बुनियादी ढांचे और पर्यटन क्षेत्र के लिए कुछ राहत पैकेज दे सकती है। इससे पहले 23 अगस्त को निर्मला सीतारमण ने इंडस्ट्री के लिए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इसी वजह से RBI से मिले धन का एक हिस्सा अर्थव्यवस्था की गति संभालने के लिए खर्च किया जाएगा।इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए कहा था कि बैंकों में जल्द 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी, जिसके चलते बैंकों के कर्ज की ब्याज दरों को नीचे लाया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होंने होम लोन, ऑटो लोन और दूसे प्रकार के लोन सस्ता करने पर भी जोर डाला।
वाहन उद्योग संगठन FADA ने कहा था कि वाहन क्षेत्र पिछले कुछ महीनों से सुस्ती का सामना कर रहा है। बिक्री में सुस्ती के असर को कम करने के लिए पिछले तीन महीनों में वाहन डीलरों ने लगभग दो लाख नौकरियां खत्म की हैं। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी तंत्र से सरकार अगले पांच वर्ष में 40 हजार करोड़ का निवेश और 50 हजार रोजगार के अवसर विकसित करना चाहती है। वैसे तो सरकार ने लक्ष्य निर्धारित 2024 तक किया है कि पारंपरिक वाणिज्यिक बेड़े और रसद वाहनों का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन में 2030 तक एक हजार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना है। दस शहरों के निजी परिवहन में 2024 तक पचास फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन शुरू किया जाना है।