Move to Jagran APP

साल 2022 में सड़क दुर्घटना के चलते 1.68 लाख से ज्यादा लोगों की मौत, MoRTH ने जारी किए आंकड़े

भारतीय सड़कों पर लगातार बरती जा रही असावधानियों के चलते रोड एक्सीडेंट बढ़ रहे हैं। भारत में सड़क दुर्घटनाएं एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इन हादसों में मरने वालों की संख्या 168491 हो गई है और करीब 4.45 लाख लोग घायल भी हुए थे। भारत में दुर्घटनाओं की संख्या 2021 की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत बढ़ गई है।

By Rammohan MishraEdited By: Rammohan MishraUpdated: Wed, 01 Nov 2023 01:02 PM (IST)
Hero Image
साल 2022 में सड़क दुर्घटना के चलते 1.68 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सड़कों पर लगातार बरती जा रही असावधानियों के चलते रोड एक्सीडेंट बढ़ रहे हैं। भारत में सड़क दुर्घटनाएं एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, क्योंकि केंद्र ने वर्ष 2022 के लिए डेटा जारी किया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले साल कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। आइए, पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

सड़क दुर्घटना में गई लाखों की जान

इन हादसों में मरने वालों की संख्या 1,68,491 हो गई है और करीब 4.45 लाख लोग घायल भी हुए थे। भारत में दुर्घटनाओं की संख्या 2021 की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत बढ़ गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 9.4 प्रतिशत बढ़ गई है। आपको बता दें कि MoRTH पुलिस द्वारा सड़क दुर्घटनाओं पर यह वार्षिक रिपोर्ट तैयार की गई है।

यह भी पढ़ें- Maruti Suzuki Brezza की कीमत पर उपलब्ध हैं ये 5 जबरदस्त SUVs, नई कार खरीदने से पहले जरूर देखें लिस्ट

भारतीय सड़कों पर तेज रफ्तार सबसे बड़ी जानलेवा बनी हुई है। 2022 में हुई लगभग 75 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण यही है। सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों के पीछे गलत दिशा में ड्राइविंग भी सबसे बड़े कारणों में से एक है, जिसका योगदान लगभग छह प्रतिशत है। नशे में गाड़ी चलाना और गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल दो अन्य बड़े कारण हैं, जो भारत में चार प्रतिशत से अधिक सड़क दुर्घटनाओं में योगदान करते हैं।

इन कारणों से हुईं ज्यादा मौतें

बुनियादी सड़क सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के कारण भी पिछले साल भारत में लगभग 70,000 लोग मारे गए। सभी बैठने वालों के लिए अनिवार्य सीटबेल्ट नियम लागू करने के बावजूद, 2022 में इसे न पहनने के कारण लगभग 17,000 लोगों की जान चली गई। वहीं, हेलमेट न पहनने के कारण 50,000 से अधिक दोपहिया वाहन चालकों की भी मौत हो गई।

एक्सप्रेसवे पर हुए सबसे ज्यादा एक्सीडेंट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से आधे से अधिक सड़क दुर्घटनाएं राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर हुई हैं। लगभग 33 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएँ एक्सप्रेसवे सहित राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई हैं, जो उच्चतम गति सीमा प्रदान करते हैं।

राज्य राजमार्गों पर भी पिछले साल एक लाख से अधिक दुर्घटनाएँ हुईं, जो भारत में सभी दुर्घटनाओं का लगभग 23 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 40 प्रतिशत दुर्घटनाएं अन्य सड़कों पर होती हैं।

यह भी पढ़ें- 2024 में भारतीय बाजार के अंदर लॉन्च होंगी ये 4 नई सेडान, बेहतर परफॉरमेंस के साथ मिलेगा जबरदस्त कम्फर्ट