Move to Jagran APP

BNCAP में सबसे पहले टेस्ट होगी 30 गाड़ियां, बेस वेरिएंट के आधार पर मिल सकती है सेफ्टी रेटिंग

ग्लोबल एनकैप के अनुरूप कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कार निर्माताओं ने अब तक बीएनकैप मापदंडों पर परीक्षण के लिए 30 मॉडल पेश किए हैं। सूत्रों ने कहा कि जिन कंपनियों ने ये मॉडल पेश किए हैं उनमें टाटा मारुति सुजुकी हुंडई होंडा और महिंद्रा की गाड़ियां शामिल हैं। (जागरण फोटो)

By Atul YadavEdited By: Atul YadavUpdated: Wed, 23 Aug 2023 09:12 AM (IST)
Hero Image
30 गाड़ियों को सबसे पहले किया जाएगा टेस्ट
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। 22 अगस्त को भारत को अपना खुद का क्रैश सेफ्टी असिस्टमेंट सिस्टम मिला, जहां गाड़ियों को क्रैश टेस्ट करके उन्हें सुरक्षा रेटिंग दी जाएगी। अभी तक भारत की निर्भरता ग्लोबल एनकैप और लेटिन एनकैप पर है। भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (बीएनकैप) 1 अक्टूबर से लागू होगा और परीक्षण परिणामों का पहला सेट दिसंबर तक प्रकाशित होने की संभावना है।

30 गाड़ियों को सबसे पहले किया जाएगा टेस्ट

ग्लोबल एनकैप के अनुरूप कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कार निर्माताओं ने अब तक बीएनकैप मापदंडों पर परीक्षण के लिए 30 मॉडल पेश किए हैं। सूत्रों ने कहा कि जिन कंपनियों ने ये मॉडल पेश किए हैं उनमें टाटा, मारुति सुजुकी, हुंडई, होंडा और महिंद्रा की गाड़ियां शामिल हैं।

मारुति की 3 गाड़ियां होंगी शामिल?

मारुति सुजुकी के कार्यकारी अधिकारी राहुल भारती ने कहा कि वे पहले बैच में ही बीएनकैप परीक्षण के लिए कम से कम तीन मॉडल पेश करेंगे।

बेस वेरिएंट की होगी टेस्टिंग?

स्टार रेटिंग स्वैच्छिक होगी, जिसका मतलब है कि वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां अपने मॉडलों को परीक्षण के लिए पेश करेंगे, जिन्हें या तो प्रोडक्शन फैसिलिटी से या उसके किसी भी डीलर से लिया जा सकता है। हालांकि, नए मानदंड के अनुसार, केवल “बेस वैरिएंट” का परीक्षण किया जाएगा। बेस वेरिएंट का मतलब है कि जिसमें बुनियादी स्तर की सुरक्षा हो, जिसमें सभी मॉडल रेंज में मानक के रूप में फिट की गई सभी सुविधाएं शामिल हों।

कैसे होता है क्रैश टेस्ट?

फ्रंट इम्पैक्ट टेस्ट 64 किमी प्रति घंटे की गति से ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर के खिलाफ होगा, जो ग्लोबल एनसीएपी प्रोटोकॉल के समान है। सभी वाहनों को पैदल यात्री सुरक्षा मानदंडों को पूरा करना होगा और पोल प्रभाव परीक्षण केवल 3 स्टार और उससे ऊपर की कारों के लिए किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, किसी भी कार को 3 या अधिक स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए, उसमें इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और फ्रंट सीट बेल्ट रिमाइंडर भी लगे होने चाहिए।