Mukhtar Ansari के पास थीं 786 नंबर वाली कई गाड़ियां, जेल से निकलते ही करना चाहता था ये काम; अधूरी रह गई ख्वाहिश
Mukhtar Ansari के पास लगभग जितनी गाड़ियां थीं उनका रजिस्ट्रेशन नंबर 786 से खत्म होता था। अगर बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम अरबी या ऊर्दू में लिखा जाए तो इन अंकों का जोड़ 786 बनता है। यही कारण है कि मुस्लिम इन 3 अंको को पवित्र मानते हैं। उन दिनों सफारी का तगड़ा क्रेज था। माफिया के बेड़े में भी एक व्हाइट कलर की जिप्सी और लगभग 5-6 सफारी हुआ करती थीं।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय राजनीति के सबसे कुख्यात चेहरों में शुमार Mukhtar Ansari की कार्डियक अरेस्ट के चलते मौत हो गई। बचपन में निशानेबाजी और क्रिकेट का शौक रखने वाला अंसारी अपने गैराज में चुनिंदा गाड़ियां भी रखता था। उसे अक्सर 786 नंबर वाली कार में देखा गया। आइए, मुख्तार के इस लकी नंबर के बारे में जान लेते हैं।
गाड़ी नंबर 786
मुख्तार अंसारी के पास लगभग जितनी गाड़ियां थीं, उनका रजिस्ट्रेशन नंबर '786' से खत्म होता था। अगर 'बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम' अरबी या ऊर्दू में लिखा जाए, तो इन अंकों का जोड़ 786 बनता है। यही कारण है कि मुस्लिम इन 3 अंको को पवित्र मानते हैं। इन अरबी शब्दों का हिंदी अनुवाद है- "भगवान के नाम पर, सबसे दयालु, सबसे दयालु।"
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Mukhtar Ansari का कार कलेक्शन
कुख्यात गैंगस्टर के रूप में नाम कमाने वाला मुख्तार अंसारी लग्जरी गाड़ियों का शौकीन था। अपने कॉलेज के दिनों में 'लंबू' नाम से मशहूर मुख्तार अंसारी, अक्सर मोहम्मदाबाद और गाजीपुर की सड़कों पर दोस्तों के साथ बुलेट और जीप से सवारी करते हुए दिख जाता था।
1990 के दशक में जब मुख्तार अंसारी राजनीति में आया, तो उसके पास मारुति जिप्सी, टाटा सफारी, फोर्ड एंडेवर, पजेरो स्पोर्ट, ऑडी और बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियों का शानदार कलेक्शन था। इसके अलावा अंसारी के पास एक बुलेट, एक एंबेसेडर और एक जीप थी।
अधूरी रह गई ये ख्वाहिश
उन दिनों सफारी का तगड़ा क्रेज था। माफिया के बेड़े में भी एक व्हाइट कलर की जिप्सी और लगभग 5-6 मोनोक्रोमैटिक टाटा सफारी हुआ करती थीं। इन सभी गाड़ियों का नंबर 786 से ही खत्म होता था। मुख्तार का सपना था कि वह सलाखों से बाहर निकलकर हमर एसयूवी को अपनी फ्लीट में शामिल करेगा। उसकी ये ख्वाहिश पूरी ना हो सकी।
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