FASTag Rule: पांच साल पुराना है फास्टैग तो बदलना होगा, 3 साल पुराने का केवाईसी करवाना जरूरी
केंद्र सरकार की ओर से निजी वाहनों के साथ ही सभी तरह के वाहनों पर FASTag को अनिवार्य किया जा चुका है। अनिवार्य किए जाने के बाद अब फास्टैग को उपयोग करने के नियमों में बदलाव किया गया है। इसकी जानकारी एनपीसीआई की ओर से पहले ही दी गई थी। अब किस तरह के बदलाव किए गए हैं। आइए जानते हैं।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप भी रोड ट्रिप पर जाते हैं तो नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे पर टोल जरूर भरते होंगे। टोल भरने के लिए आप भी Fastag का इस्तेमाल करते होंगे क्योंकि टोल टैक्स के लिए इसे पहले ही अनिवार्य किया जा चुका है। लेकिन अब इसके नियमों में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। जिसकी जानकारी एनपीसीआई की ओर से पहले ही दी जा चुकी है। इन नियमों में किस तरह के बदलाव किए गए हैं। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।
तीन साल पुराने फास्टैग की KYC जरूरी
जानकारी के मुताबिक अब हर तीन साल में फास्टैग के लिए दोबारा से केवाईसी करनी होगी। 31 अक्टूबर 2024 तक ऐसे फास्टैग की केवाईसी करवाना जरूरी है। केवाईसी न करवाने पर फास्टैग को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।यह भी पढ़ें- GNSS के जरिए Toll Tax के भुगतान में होगी आसानी, नेशनल हाइवे के चुनिंदा सेक्शन पर होगा लागू
बदलने होंगे पांच साल पुराने फास्टैग
अगर किसी गाड़ी में पांच साल या उससे ज्यादा पुराना फास्टैग उपयोग किया जा रहा है तो अब वह अमान्य हो जाएगा। इसकी जगह नया फास्टैग जारी करवाना होगा।
जुलाई में भी जारी हुए थे नए नियम
एनएचएआई की ओर से हाल में ही कुछ और नियमों को जारी किया गया था। जिसके मुताबिक अगर किसी वाहन में फास्टैग विंडस्क्रीन पर चिपका हुआ नहीं होगा तो ऐसे वाहनों से दोगुना टोल वसूला जाएगा। ऐसा करने का मुख्य कारण टोल बूथ पर टैक्स देने में समय को कम करना और फास्टैग के दुरूपयोग को रोकना था।