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NHAI 100 टोल प्लाजा की करेगा ट्रैकिंग; ट्रैफिक की होगी लाइव मॉनिटरिंग, सफर होगा बेहतर

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI अब देश के 100 टोल प्लाजा की निगरानी GIS आधारित सॉफ्टवेयर के जरिए  करने जा रही है। इससे टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतार को पहचानने से लेकर लाइव मॉनिटरिंग तक की जा सकेंगी। इससे हाईवे पर ट्रैफिक के मैनेजमेंट में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। टोल की रियल-टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी।

By Mrityunjay Chaudhary Edited By: Mrityunjay Chaudhary Updated: Mon, 02 Sep 2024 07:30 PM (IST)
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NHAI GIS आधारित सॉफ्टवेयर के जरिए करीब 100 टोल प्लाजा पर नजर रखेगा।

ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। NHAI GIS बेस्ड सॉफ्टवेयर के जरिए टोल प्लाजा को ट्रैक करने का काम शुरू करने जा रही है। NHAI यह काम इसलिए करने जा रही, ताकि नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक बिना किसी रोक टोक के हो सके। इस तरह से टोल प्लाजा पर नजर रखने की शुरुआत संख्या 100 रहेगी। आइए जानते हैं कि इससे लोगों को और क्या फायदा होगा।

बढ़ाए जाएंगे टोल प्लाजा की संख्या

इसके बारे में NHAI की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी करके बताया गया है। इन 100 टोल प्लाजा की पहचान 1,033 नेशनल हाईवे हेल्पलाइन के जरिए मिले भीड़भाड़ फीडबैक के आधार पर किया गया है। फिलहाल अभी GIS बेस्ड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल 100 टोल प्लाजा से शुरू किया जा रहा है, लेकिन जल्द ही इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।  

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क्या मिलेगा फायदा

  1. इस बयान में कहा गया है कि लाइव मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग सिस्टम टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी लाइन निर्धारित सीमा से अधिक होने पर भीड़भाड़ अलर्ट और लेन वितरण सिफारिशें देगा।
  2.  टोल प्लाजा का नाम और स्थान प्रदान करने के अलावा, सॉफ्टवेयर मीटर में कतार की लंबाई, कुल प्रतीक्षा समय और टोल प्लाजा पर गाड़ियों की स्पीड से संबंधित जानकारी भी शेयर करेगा।
  3. GIS बेस्ड सॉफ्टवेयर वर्तमान में मौसम की जानकारी और स्थानीय त्योहारों की जानकारी भी बताएगा। इससे NHAI के अधिकारी टोल प्लाजा पर ट्रैफिक मैनेजमेंट करने के साथ ही टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ कम करने के लिए पहले से उपाय कर सकेंगे।

टोल प्लाजा पर बढ़ेगी ट्रांसपेरेंसी

GIS बेस्ड सॉफ्टवेयर को अपनाने से टोल प्लाजा पर ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी पहले से बेहतर होगी। आमतौर पर देखा जाता है कि टोल प्लाजाओं पर गाड़ियों की लंबी कतारें लग जाती है। इससे न सिर्फ आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि अथॉरिटी को भी ट्रैफिक मैनेजमेंट का भी सामना करना पड़ता है। इससे ट्रैफिक मूवमेंट्स पहले और बेहतर होने के साथ ही कई बदलाव भी देखने के लिए मिलेंगे।

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