नितिन गडकरी ने Toyota Flex Fuel कार का पायलट प्रोजेक्ट किया लॉन्च, अब नहीं सताएगी पेट्रोल की बढ़ती कीमत
Nitin Gadkari ने Toyota Flex Fuel कार को लॉन्च कर दिया है। यह टोयोटा कोरोला कार है जिसमें फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मोटर को जोड़ा गया है। फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली इस कार से प्रदूषण में कमी के साथ ही ईंधन खरीदने में खर्च भी कम होगा।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Toyota Flex Fuel Car: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जापानी कार निर्माता टोयोटा की फ्लेक्स फ्यूल-स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (FFV-SHEV) की पहली पायलट परियोजना को शुरू कर दिया है। इसके तहत आने वाली गाड़ी देश की पहली ऐसी कार है, जिसे 100 प्रतिशत इथेनॉल पर चलाया जा सकता है।
गौरतलब है कि फ्लेक्स-फ्यूल एक इंधन है जिसे गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के साथ मिलाकर बनाया जाता है, जिसमें पेट्रोल की कम मात्रा और बाकी चीजों की ज्यादा मात्रा होती है। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) के 62वें वार्षिक सत्र में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि वह भारत में पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार का अनावरण करेंगे, जिसके बाद इस परियोजना पर तेजी काम चालू कर दिया गया।
टोयोटा कोरोला में फिट है फ्लेक्स-फ्यूल किट
फ्लेक्स फ्यूल किट को टोयोटा के कोरोला मॉडल में फिट किया गया है। यह एक एल्टिस एफएफवी एसएचईवी है, जिसे पायलट प्रोजेक्ट के लिए टोयोटा ब्राजील से आयात किया गया है। टोयोटा ब्राजील द्वारा फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनो के लिए नई प्रौद्योगिकी पेश की गई है।
FFV-SHEV कार में एक फ्लेक्स-ईंधन इंजन और एक इलेक्ट्रिक पावरट्रेन होता है, जो हाई इथेनॉल का उपयोग करके अधिक फ्यूल एफिशियन्सी देते हैं। साथ ही ये कारें इथेनॉल मिश्रण के किसी भी हाई कंबीनेशन को 20 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक उपयोग करने में सक्षम है।
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ऑटो सेक्टर बढ़ा रहा प्रदूषण- गडकरी
लॉन्चिंग के अवसर पर बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा, "भारत में प्रदूषण एक बड़ी चिंता है और परिवहन सेक्टर प्रदूषण में योगदान दे रहा है। इसलिए इथेनॉल और मेथनॉल जैसे जैव ईंधन पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों और इनके उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।"
सरकार की परियोजना
सरकार की परियोजना के मुताबिक, देश में 2022 तक 10 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग और 2030 तक 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बाद में इसे बदलकर 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य कर दिया गया।